समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान
8.25 लाख प्रदेशवासियों ने साझा किए अपने मूल्यवान सुझाव
अभियान के तहत सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों का संवाद जारी
ग्रामीण क्षेत्रों से 6.3 लाख तो नगरीय क्षेत्रों से 1.75 लाख प्रदेशवासी जुड़ चुके अभियान से
सर्वाधिक 4.5 लाख सुझाव 31-60 आयु वर्ग के लोगों द्वारा दिए गए
3.5 लाख सुझाव 31 वर्ष से कम आयु के तो 50 हजार सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से प्राप्त हुए
सबसे ज्यादा 2.85 लाख सुझाव शिक्षा क्षेत्र से, जबकि 1.5 लाख सुझाव नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र से मिले
स्वास्थ्य, समाज कल्याण, कृषि, आईटी & टेक, इंडस्ट्री और सुरक्षा से सम्बंधित विषयों पर भी मिले सुझाव
महाराजगंज 65 हजार से अधिक फीडबैक के साथ अव्वल, कानपुर देहात और सम्भल भी पीछे नहीं
लखनऊ
समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047 अभियान के तहत 26 सितम्बर, 2025 तक प्रदेश के सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों ने भ्रमण कर छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, कृषकों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संघटनों, मीडिया एवं आमजन से संवाद किया। इस दौरान विगत 8 वर्षों की विकास यात्रा पर जानकारी साझा करने के साथ भविष्य की विकास रूपरेखा पर चर्चा की गई। अभियान के तहत शुक्रवार तक लगभग 8.25 लाख प्रदेशवासियों ने अपने सुझाव साझा किए हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 6.3 लाख तो वहीं नगरीय क्षेत्रों से लगभग 1.75 लाख प्रदेशवासी जुड़ चुके हैं।
अभियान से जुड़ रहा युवा वर्ग
सर्वाधिक 4.5 लाख सुझाव 31-60 आयु वर्ग के लोगों द्वारा दिए गए हैं, जबकि 3.5 लाख सुझाव 31 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों ने दिए हैं। वहीं 50 हजार सुझाव सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से प्राप्त हुए है। सर्वाधिक 2.85 लाख सुझाव शिक्षा क्षेत्र से, 1.5 लाख नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र से, 60 हजार स्वास्थ्य क्षेत्र से, 65 हजार समाज कल्याण से, 1.7 लाख कृषि क्षेत्र से, 22 हजार आईटी & टेक, 23 हजार इंडस्ट्री तथा 15 हजार सुरक्षा से सम्बंधित विषयों पर प्राप्त हुए हैं। जनपद महाराजगंज से 65 हजार से अधिक, कानपुर देहात से 35 हजार, 34 हजार फीडबैक सम्भल से प्राप्त हुए हैं।
प्राप्त हुए ये महत्वपूर्ण सुझाव
सीतापुर से विमल कुमार के अनुसार उत्तर प्रदेश को 2047 तक समृद्ध और सशक्त राज्य बनाने के लिए गांव पंचायतों को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए परिवहन और डिजिटल कनेक्टिविटी दो सबसे प्राथमिक कदम हैं, जो पूरे प्रदेश के विकास का आधार बन सकते हैं। गांवों तक बेहतर सड़क और परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि ग्रामीण जनता के व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान हो सके। गांवों में इंटरनेट की बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्र सरकार की योजनाओं, ऑनलाइन शिक्षा और रोजगार के अवसरों से जुड़ सकें।
हापुड़ से सबनम का विचार है कि भारत को 2047 तक पर्यटन के क्षेत्र में विश्व अग्रणी बनाने के लिए सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक सौंदर्य और आधुनिक सुविधाओं का संतुलित विकास जरूरी है। ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों की देखभाल, स्वच्छता, सुरक्षा, और बेहतर परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। ग्रामीण पर्यटन, इको-टूरिज्म और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने से देश को विविध अनुभवों का केंद्र बनाया जा सकता है। स्थानीय कला, हस्तशिल्प और व्यंजनों को प्रोत्साहित कर रोजगार बढ़ाया जा सकता है। डिजिटल प्लेटफॉर्म और स्मार्ट गाइडेंस के जरिये पर्यटकों को सुगम जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी है। यदि सतत विकास और आधुनिकता का संतुलन रखा जाए तो भारत 2047 तक दुनिया का सबसे आकर्षक और विकसित पर्यटन स्थल बन सकता है।
कानपुर देहात से प्रीति केशरी का सुझाव है कि परिवहन की सुरक्षा और सुगमता हेतु अच्छे मार्गों का निर्माण आवश्यक है। विद्यालय तक पहुँच के लिए सड़कों का चौड़ीकरण हो, ताकि बच्चों का विद्यालय तक पहुँचना सरल हो सके और ग्रामीण क्षेत्र तेजी से विकसित हों। यह व्यवस्थाएँ शिक्षा, स्वास्थ्य और दैनिक जीवन को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएंगी।
लखनऊ से संतोष कुमार के अनुसार प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर एक प्रशिक्षित चिकित्सा टीम के साथ पशु एम्बुलेंस होनी चाहिए ताकि पशुओं को बेहतर उपचार मिल सके। टोल फ्री नंबर 1962 का रिस्पॉन्स टाइम बेहतर किए जाने की आवश्यकता है। अधिकांश जनता इस संपर्क नंबर से अनजान है। इसे व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए।