नई दिल्ली
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान ने सबसे पहले संपर्क कर सीजफायर की पेशकश की थी। उन्होंने इसे लेकर चल रही दूसरी बातों को पूरी तरह बकवास करार दिया। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में पत्रकारों से बात करते हुए खुर्शीद ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन कर संघर्षविराम की मांग की और भारत ने तब जवाबी कार्रवाई रोकने का निर्णय लिया। आपको बता दें कि उनकी पार्टी कांग्रेस सीजफायर को लेकर लगातार सवाल उठा रही है। राहुल गांधी ने खुद कई मौकों पर कहा है कि अमेरिकी दबाव के कारण भारत ने सीजफायर किया।
खुर्शीद ने कहा, “किसी का यह कहना कि हमने पहले फोन किया, बिल्कुल बकवास है। जब कॉल आया, तब तक पाकिस्तान को भारी नुकसान हो चुका था। हमने तब हमला रोकने का फैसला लिया, लेकिन सीमा पर गोलाबारी अगले तीन-चार घंटे तक चलती रही।” उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में न तो असैन्य सरकार के पास नियंत्रण है, न ही सेना एकजुट है। वहां फौज के भीतर ही कई गुट हैं जो एक-दूसरे से ताकत के लिए लड़ रहे हैं।
भारत को कोई भटका नहीं सकता
खुर्शीद ने कहा कि भारत अब महाशक्ति बनने की राह पर है और कोई भी उसे इस रास्ते से नहीं हटा सकता। उन्होंने कहा, “भारत महान बनने की प्रतीक्षा कर रहा है। कोई हमें भटका नहीं सकता। यह जरूरी है कि हम अपनी ताकत दुनिया को दिखाएं।” उन्होंने पाकिस्तान से स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत की एकमात्र और स्थायी मांग यही है कि वह आतंकवाद को त्याग दे। उन्होंने कहा कि भारत की आवाज आज सत्तापक्ष और विपक्ष से मिलकर एकजुट होकर उठ रही है। उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान में कुछ भी समझदारी बची है तो वह समझे कि भारत की मांग क्या है। आतंकवाद छोड़ो।”
हम भारत का समर्थन कर रहे हैं, किसी पार्टी का नहीं
खुर्शीद ने कहा कि हालांकि वे कांग्रेस पार्टी से हैं और उनके साथी भाजपा और अन्य दलों से हैं, लेकिन वे सभी यहां किसी पार्टी का नहीं भारत का संदेश लेकर आए हैं। उन्होंने कहा, “हममें से कुछ सत्ता पक्ष से नहीं हैं। फिर भी हम एक साथ हैं। क्योंकि हम किसी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे, हम ‘भारत’ नाम के एक विचार का समर्थन कर रहे हैं।” आपको बता दें कि 7 मई को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले (22 अप्रैल) के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया था। इसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों के 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया। भारत सरकार ने इसके बाद एक अभूतपूर्व कूटनीतिक मुहिम शुरू की है, जिसके तहत 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विश्व के 30 से अधिक देशों का दौरा कर रहे हैं। यूके, फ्रांस, जर्मनी, ईयू, इटली, डेनमार्क, इंडोनेशिया, मलेशिया, जापान, सिंगापुर, सऊदी अरब, कुवैत, यूएई, रूस, अमेरिका, कांगो, स्पेन, ब्राज़ील, ग्रीस, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में ये डेलिगेशन जाएंगे।