राजसमंद
नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर में ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्दशी और पूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रभु श्रीनाथजी का पारंपरिक ज्येष्ठाभिषेक स्नान उत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस धार्मिक आयोजन में वैष्णव भक्तों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और सेवा कार्य में निरंतर योगदान दिया।
तिलकायत राकेश कुमार महाराज एवं उनके पुत्र विशाल बावा (लाल बावा) ने वल्लभ कुल परिवार, श्रीजी व नवनीतप्रिया जी के निज सेवकों सहित यमुना स्वरूप भीतर की बावड़ी से स्वर्ण और रजत घटों में जल भरकर श्रीजी के स्नान हेतु संग्रह किया। स्नान से पूर्व जल का आरती दर्शन कर अधिवासन किया गया, जिसमें अष्टफूल, चंदन, केसर, गुलाब जल, बरास, अर्गजा सहित अनेक सुगंधित द्रव्यों का मिश्रण किया गया।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भगवान को ग्रीष्म ऋतु में शीतलता प्रदान करना और उन्हें भक्ति भाव से सुगंधित जल से स्नान कराना था। परंपरा अनुसार यह मान्यता है कि यमुना जी स्वयं प्रभु को स्नान कराती हैं।
स्नान के उपरांत श्रीजी प्रभु को सवा लाख आमों का विशेष भोग अर्पित किया गया। मोती महल चौक और श्रीनाथजी हवेली के विभिन्न द्वारों पर वैष्णवजन आमों की सेवा में रत रहे। भक्तगण अपने भावपूर्वक आम अर्पित कर प्रभु की सेवा का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं।
इस विशेष अवसर पर श्रीजी प्रभु के मुखिया इंद्रवदन गिरनारा, प्रदीप सांचिहर, रजनीकांत सांचिहर, घनश्याम सांचिहर, मंदिर के अधिकारी सुधाकर शास्त्री, मुख्य प्रशासक भारत भूषण व्यास, तिलकायत के सलाहकार अंजन शाह, मंदिर मंडल सदस्य सुरेश सांगवी, समीर चौधरी, सहायक अधिकारी अनिल सनाढ्य, तिलकायत सचिव लीलाधर पुरोहित, मीडिया प्रभारी गिरीश व्यास, पंड्या परेश नागर, समाधानी उमंग मेहता, जमादार हर्ष सनाढ्य, जनम गांधी, कमल सनाढ्य सहित सैकड़ों वैष्णवजन उपस्थित रहे।