नई दिल्ली
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देने की बात कही है। हालांकि, इसके लिए उन्हें एक शर्त भी रख दी। अमौर में जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि विकास केवल राजधानी पटना और पर्यटन स्थल राजगीर तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन सीमांचल क्षेत्र को न्याय मिलना चाहिए। कब तक सब कुछ पटना और राजगीर के इर्द-गिर्द ही केंद्रित रहेगा? सीमांचल नदी कटाव, बड़े पैमाने पर पलायन और भयंकर भ्रष्टाचार से जूझ रहा है। सरकार को इन मुद्दों का समाधान करना होगा।'
बिहार के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिम आबादी का बड़ा हिस्सा है। यह राज्य के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक है। हर साल कोसी नदी के उफान से यहां बाढ़ आती है। सीमांचल की लगभग 80% आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है। सीमांचल क्षेत्र की 24 विधानसभा सीटों में से ज्यादातर एनडीए के खाते में गईं, जहां गठबंधन ने 14 सीटें जीतीं। बिहार में NDA की भारी जीत के बावजूद ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम ने इस क्षेत्र में अपनी जमीन बनाए रखी। AIMIM ने 2020 के समान ही इस बार भी 5 सीटें जीतीं। हालांकि 2020 में पार्टी के चार विधायकों ने चुनाव के बाद आरजेडी में चले गए थे।
विधायकों पर रखी जाएगी कड़ी नजर
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वे अपनी पार्टी के विधायकों पर कड़ी नजर रखेंगे और जवाबदेही वाला प्लान लागू करेंगे। उन्होंने कहा, 'हमारे पांचों विधायक हफ्ते में दो दिन अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के कार्यालय में बैठेंगे। मुझे अपनी लाइव व्हाट्सएप लोकेशन के साथ फोटो भेजेंगे। इससे पता चलेगा कि वे वास्तव में वहीं हैं।' ओवैसी ने कहा कि हम यह काम छह महीने के अंदर शुरू करने की कोशिश करेंगे। मैं खुद भी हर 6 महीने में एक बार आने की कोशिश करूंगा। आम लोगों से मुलाकात की जाएगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़नी है। उन्होंने कहा, 'पटना यह जान चुका है कि सीमांचल की जनता पतंक छाप के साथ है और रहेगी। पटना को पैगाम सीमांचल से ही जाएगा।'

