नई दिल्ली
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 1000 से अधिक मदरसे कम से कम 10 दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। स्थानीय अधिकारियों ने शुक्रवार को यह घोषणा की। विश्वसनीय सूत्रों ने मीडिया को बताया कि भारत की तरफ से हमले के डर की वजह से पीओके में स्थित मदरसों को बंद कर दिया गया। भारत यह दावा करता रहा है कि इन संस्थानों का इस्तेमाल आतंकवादियों के छिपने के ठिकाने के रूप में किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि भारत पाकिस्तान के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध शुरू नहीं करेगा, लेकिन नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ पीओके क्षेत्रों में कुछ हमले जरूर करेगा। 29 सितंबर 2016 को, भारतीय सेना के कमांडो की टीमों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में प्रवेश कर आतंकी ठिकानों में छिपे बैठे आतंकवादियों को खत्म किया था। यह कार्रवाई 18 सितंबर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी में एक भारतीय सेना की चौकी पर हमला करने के दस दिन बाद हुई थी। हमले में 19 सैनिकों की मौत हो गई थी।
एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "सरकार के निर्देशानुसार 1000 से अधिक मदरसे बंद कर दिए गए हैं। उन्हें कम से कम 10 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है और छात्रों के लिए छुट्टियों की घोषणा कर दी गई है।"
इससे पहले पाकिस्तान ने बुधवार को गिलगित और स्कार्दू के लिए सभी घरेलू उड़ानें रद्द करने की घोषणा की। विदेशी उड़ानों की भी कड़ी निगरानी शुरू की गई। जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) को सभी आने वाले विदेशी विमानों की जांच करने का निर्देश दिया गया।
इस बीच पाकिस्तान ने भारत से लौटने वाले अपने नागरिकों के लिए वाघा सीमा को खुला रखने की घोषणा की। पहलगामा आतंकी हमले के बाद नई दिल्ली ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए थे।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, "हालांकि भारत से पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी की अंतिम तिथि 30 अप्रैल थी, लेकिन यदि भारतीय अधिकारी उन्हें अपनी ओर से सीमा पार करने की अनुमति देते हैं तो लाहौर में वाघा बॉर्डर हमारे नागरिकों के लिए खुला रहेगा।"
बयान में कहा गया, "वाघा सीमा भविष्य में भी पाकिस्तानी नागरिकों के लिए खुली रहेगी।"
बता दें आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल – पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं। हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह 'लश्कर-ए-तैयबा' से जुड़े 'टीआरएफ' ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।
पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। नई दिल्ली ने इस्लामबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं। इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, शामिल हैं।
भारत के इन फैसलों के बाद पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने और भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने, भारतीय नागरिकों के वीजा रद्दे करने जैसे कदम उठाए।
Wednesday, December 17
Breaking News
- मनी लॉन्ड्रिंग केस में तमिलनाडु के मंत्री आई पेरियासामी को झटका, मद्रास हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत से किया इनकार
- आईआईटी मंडी ने एप्लाइड बिहेवियरल साइंस एवं निर्णय निर्माण पर वैश्विक विशेषज्ञों को एबीएसडीएम सम्मेलन 2025 में एक मंच पर लाया
- पशुपालकों की समृद्धि की ओर बढ़ रहा मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- 25 दिसंबर को पीएम मोदी करेंगे राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन, सीएम योगी ने तैयारियों का लिया जायजा
- नोएडा पुलिस की बड़ी कार्रवाई: मोबाइल चोरी–स्नैचिंग गिरोह का पर्दाफाश, ₹2 करोड़ का इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद
- मध्यप्रदेश को विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने के संबंध में विधानसभा में चर्चा
- चीन का एनर्जी वर्ल्ड में बड़ा धमाका: समुद्र के खारे पानी से बनाया सस्ता पेट्रोल, कीमत जानकर दुनिया हैरान
- खंडवा पुलिस ने नकली पुलिस बनकर लूट करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का किया पर्दाफाश
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में निवेश और औद्योगिक विकास के पथ पर लगातार अग्रसर-एमएसएमई मंत्री काश्यप
- लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता और भविष्य के प्रति साझा उत्तरदायित्व के संकल्प का परिचायक है विशेष सत्र : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


