भोपाल
प्रदेश में जल संरक्षण की यात्रा दिन प्रति दिन मजबूती से आगे बढ़ रही है। जनभागीदारी से जल संरचनाओं के संरक्षण और सफाई के कार्य हाथ में लिये गये है। ऐतिहासिक, संस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाले जल स्त्रोतों के सफाई के कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है। नर्मदा पथ पर यात्रा के माध्यम से नदी किनारे ग्रामों में जल चौपाल कर ग्रामीणों को नदी के आसपास साफ सफाई के महत्व के बारे में जानकारी दी जा रही है।
जल है जीवन की धारा, कल का यही सहारा
शहडोल जिले में स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से जल संवर्धन का कार्य लगातार किया जा रहा है। इसी के साथ जल है जीवन की धारा, कल का यही सहारा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्पों को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर “जल गंगा सवंर्धन अभियान” 30 मार्च से 30 जून तक चलाया जा रहा है। यह अभियान जन-जन के जीवन से जुड़ा महत्वपूर्ण अभियान है। अभियान के अंतर्गत जहां एक ओर नये तालाब बनाये जा रहे, वहीं दूसरी ओर पुराने तालाबों, बावड़ियों और कुँओं का जीर्णाद्वार का कार्य भी किया जा रहा है। नदियों को साफ-स्वच्छ एवं जल एकत्रित करने के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं। इस अभियान के तहत ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाले तालाबों, जल स्रोतों तथा देवालयों में जल संरक्षण के कार्य भी किये जा रहे हैं। अभियान जन प्रतिनिधियों, स्थानीय समुदाय, जनभागीदारी, आमजन और सरकार के संयुक्त प्रयास से संचालित हो रहा है। अभियान में मशीन, सामग्री और श्रम का समुचित नियोजन किया जा रहा है। जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत शहडोल जिले के जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत मैकी, ग्राम पंचायत दुलादर सहित अन्य ग्राम पंचायतों में नवीन खेत तालाब के कार्य किये गए है।
ग्राम समर्रा में नल कनेक्शनों में टोटियां लगायी गयी
टीकमगढ़ कलेक्टर श्री विवेक श्रोत्रिय के निर्देशानुसार जिले में जलगंगा संवर्धन अभियान कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसी क्रम में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल जीवन मिशन के तहत ग्राम समर्रा में एकल जल प्रदाय योजना के अंतर्गत नल कनेक्शनों में टोंटियां लगायी गईं। ग्रामीणों को पानी के अनावश्यक बहने से राकेने की समझाइश दी गई। ग्राम समर्रा में करीब 20 घरों के नल कनेक्शनों में टोटियों को लगाया गया। यह पहल ग्रामीणों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के उद्देश से की गई है। ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि पानी भरते ही नल की टोटी बंद कर देना चाहिए, जिससे जल को बर्बाद होने से रोका जा सके।
अभियान पर केन्द्रित प्रदर्शनी का सरपंचों ने किया अवलोकन
राज्य सरकार के निर्देश पर 30 मार्च से प्रारंभ हुए प्रदेश स्तरीय जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जनसहभागिता से निरंतर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। आगामी 30 जून तक संचालित होने वाले इस महत्वाकांक्षी अभियान में प्राचीन जल स्त्रोतों एवं कुएं व बावड़ियों के जीर्णाद्धार कार्य सहित जल संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाओं अंतर्गत खेत तालाब निर्माण इत्यादि का कार्य ग्रामवासियों के सहयोग से क्रियान्वित हो रहा है। अभियान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा भी उत्साहपूर्वक सहभागिता की जा रही है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान में विभिन्न कार्यों को जनसहभागिता से बेहतर रूप में क्रियान्वित करने की कार्ययोजना बनाई गई है। जिले के सभी विकासखण्ड में अभियान के तहत पूर्ण हो चुके एवं प्रगतिरत कार्यों के बारे में जानकारी तथा तकनीकी पहलुओं से अवगत कराने के लिए जिला पंचायत परिसर में प्रदर्शनी लगाई गई। करीब 90 सरपंचो ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर कार्यों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। पंचायत प्रतिनिधियों को जल की स्वच्छता एवं कचरा के उचित निस्तारण की जानकारी दी गई। अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों के प्रश्नों का समाधान भी किया गया। एक्सपोजर विजिट में सरपंचों को जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए अच्छे कार्यों का महत्व बताया गया। प्रदर्शनी में ग्रामीण क्षेत्र और पंचायतों के उत्कृष्ट कार्यों को प्रदर्शित किया गया।
तालाब में किया गया श्रमदान
दमोह जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान में स्वच्छता ही सेवा का 49वें सप्ताह के अंतर्गत पाठक कॉलोनी तालाब में श्रमदान किया गया। कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर, जनप्रतिनिधियों, विभिन्न सामाजिक संगठन, स्वंयसेवी संस्थाओं ने अपनी सहभागिता निभाई। यह श्रमदान कार्य पिछले 48 सप्ताह से जारी हैं। जिले में जल स्त्रोतों मे सीवेज का गंदा पानी न मिले इसके लिये सोक पिट का निर्माण किया गया है। जिले में सिंचाई की नहर प्रणाली की सफाई व्यवस्था में किसानों की सहभागीता सुनिश्चित की जा रही है।
भरहटा में बावडी की सफाई
सतना जिले में उचेहरा विकासखंड के कबीर आश्रम ग्राम पंचायत भरहटा में बावड़ी स्वच्छता कार्यक्रम में जनभगीदारी से सफाई कार्य किया जा रहा है। स्थानीय पुजारी के अनुसार सम्राट अशोक के समय इस बावड़ी का निर्माण कराया गया था। बताया गया कि प्राचीन समय में राहगीर और स्थानीय गांव के लोग इसी से पानी पीते थे। श्रमदान के बाद ग्रामीणों को पेयजल स्त्रोतों की उपयोगिता की जानकारी दी गई। उन्हें शपथ दिलाई गई की वे निंरतर श्रमदान कर बावड़ी के आस पार सफाई रखेंगे। जिले में किसानों को खेत तालाब के महत्व के बारे में विभागीय अधिकारियों द्वारा जानकारी देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।