नई दिल्ली
उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद से पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने चुप्पी साधी हुई थी। हाल ही में उन्होंने इसे लेकर बयान दिया है और नए चुने गए उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन को बधाई दी है। धनखड़ ने कहा कि उपराष्ट्रपति का पद उनके "विशाल अनुभव" के कारण और भी अधिक गौरव प्राप्त करेगा। यह बयान 21 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन पद छोड़ने के बाद उनका पहला सार्वजनिक बयान है। राधाकृष्णन को लिखे पत्र में धनखड़ ने कहा, "दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और मानवता के छठे हिस्से का घर माने जाने वाले भारत के उपराष्ट्रपति के तौर पर आपके चुने जाने पर हार्दिक बधाई।"
जगदीप धनखड़ की खामोशी पर विपक्ष ने उठाए थे सवाल
राधाकृष्णन को लिखे अपने पत्र में धनखड़ ने आगे कहा,"इस प्रतिष्ठित पद पर आपकी पदोन्नति हमारे राष्ट्र के प्रतिनिधियों के विश्वास और भरोसे को दर्शाती है।" उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक जीवन में राधाकृष्णन के "विशाल अनुभव" को देखते हुए उनके नेतृत्व में यह पद निश्चित रूप से और भी अधिक सम्मान और गौरव प्राप्त करेगा।
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक "स्वास्थ्य कारणों" का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस अचानक कदम से भारतीय राजनीति में हलचल मच गई थी। विपक्ष ने उनके पद छोड़ने के तरीके पर सवाल उठाए थे। इस्तीफा देने के बाद से ही धनखड़ पूरी तरह से खामोश थे, जिससे विपक्षी दलों ने उनके ठिकाने और इरादों को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। उनके इस लंबे समय की चुप्पी ने कई तरह की अटकलों को जन्म दिया था, जिस पर अब उनकी प्रतिक्रिया के बाद विराम लग गया है।
Sunday, September 14
Breaking News
- उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के लिए होगी 7500 पदों पर पुलिस आरक्षकों की सीधी भर्ती
- जनगणना को लेकर प्रशासनिक हलचल …..एक लाख से अधिक कर्मचारी जुटेंगे
- 14 सितंबर का राशिफल: आज इन राशियों की किस्मत चमकेगी, मिलेगी धन लाभ और कामयाबी
- 20 दिन की बेटी को गोद में लेकर DSP बनीं मैहर की वर्षा, पहली रैंक से किया इतिहास!
- औरंगजेब पर विवादित बयान: सुखाड़िया विवि की कुलगुरु पर ABVP का गुस्सा फूटा
- एविएशन में क्रांति: नया ‘कवच’ प्लेन क्रैश से बचाएगा यात्रियों की जान!
- एमपी के 18 जिलों के किसानों की किस्मत बदलेगा 2050 करोड़ का महा-प्रोजेक्ट
- मुख्यमंत्री यादव ने ऑन द स्पॉट लिया फैसला
- दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: माता-पिता जिंदा रहते पोते-पोतियों का दादा-दादी की प्रॉपर्टी पर कोई अधिकार नहीं
- महाराष्ट्र सरकार के सूचना और जनसम्पर्क अधिकारियों का अध्ययन दल म.प्र. आया