पटना
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को यहां निर्वाचन अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने दो ईपीआईसी (मतदाता फोटो पहचान पत्र) नंबर रखने के लिए नोटिस भेजकर ‘‘खुद की गलती के लिए उन्हें दोषी ठहराया है।'' बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि पिछले सप्ताह भेजे गए नोटिस का ‘‘एक अच्छा जवाब'' तैयार किया जा रहा है, जिससे ‘‘उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं बचेगा।''
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुझे चुनाव आयोग से नहीं, बल्कि पटना ज़िला प्रशासन से नोटिस मिला है। एक अच्छा जवाब तैयार किया जा रहा है और मिलने पर उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं बचेगा। वे अपनी ही गलती के लिए मुझे दोषी ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। अगर मेरे नाम पर दो EPIC नंबर जारी किए गए हैं, तो यह किसकी गलती है? आखिरकार मैं तो एक ही जगह से वोट डालता रहा हूं।
कई जगह मरे हुए लोगों के भी वोट बने
राजद नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया कि विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची से वरिष्ठ नौकरशाहों समेत कई अन्य धनी लोगों के नाम काट दिए गए हैं। उन्होंने इस व्यापक कवायद की प्रभावशीलता पर गंभीर संदेह जताया है। उनका आरोप है कि यह राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को मदद करने का एक प्रयास है। तेजस्वी यादव ने कहा कि कई जगह से हमें शिकायतें मिल रही हैं। कई जगह एक ही पते पर 100 से भी ज्यादा वोट हैं। कई जगह मरे हुए लोगों के भी वोट बने हैं। जो पलायन भी नहीं किए हैं उनका भी नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है। पूरी तरह फर्जीवाड़ा हुआ है। कोर्ट में हम सबूत रखेंगे।