नई दिल्ली, (mediasaheb.com) इंडियन प्रीमियर
लीग का 12वां संस्करण अपने विवादों को लेकर काफी चर्चा में रहा है।
खिलाड़ियों के बीच आपसी टशन और जीत को लेकर सब कुछ झोंकने की मंशा के इतर भी कुछ
घटनाएं रही जो प्रशसंकों को याद रहेंगी।
इनमें सबसे खास रहा अंपायरों के गलत
फैसले का मामला। चाहे अंपायर ने नो बॉल नहीं दिया या फिर गलत आउट दिया हो या फिर
वाइड बॉल न देना।
इन सभी फैसलों को लेकर आईपीएल का यह सीजन विवादित अंपायरिंग का गवाह बना।मुंबई और चेन्नई के बीच खेला जा रहे खिताबी मुकाबले की पहली पारी में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला। जब पहली पारी की आखिरी ओवर में ड्वेन ब्रैवो की बॉलिंग पर अंपायर ने वाइड बॉल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
इस फैसले पर पोलार्ड ने अपने ही अंदाज में गुस्सा जाहिर करते हुए विकेट के ऑफ साइड पर वाइड क्रीज पर खड़े होकर बल्लेबाजी का स्टांप लिया लेकिन जब ब्रैवो बॉलिंग के लिए दौड़े तो पोलार्ड टहलते हुए विकेट से हट गए। इस पर अंपायर ने पोलार्ड से बात भी की और ऐसा करने की वजह पूछी। तब पोलार्ड ने वाइड नहीं दिए जाने को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। हालांकि अंपायर का फैसला ही अंतिम होता है और सभी खिलाड़ियों को मानना भी पड़ता है, इस लिहाज से पोलार्ड भी आगे खेलने को तैयार हो गए। हि.स.