नई दिल्ली
चीन के तियानजन शहर में SCO समिट ने इस बार पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी चिंफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन। तीनों नेताओं ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया, बातचीत की और कई मौकों पर साथ चलते भी दिखे। ये पल यूं तो सामान्य थे, लेकिन असल में यह अमेरिका और खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के खिलाफ बड़ा संदेश माना जा रहा है। ऐसे वक्त में जब ट्रंप भारत, चीन और रूस तीनों पर दबाव डाल रहे हैं, यह एकजुटता साफ संकेत देती है कि देश अब 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के आगे झुकने को तैयार नहीं।
सात साल बाद चीन गए पीएम मोदी
पीएम मोदी सात साल के बाद चीन पहुंचे थे। शनिवार को SCO के 25वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद रविवार को उन्होंने शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की। दोनों नेताओं ने सीमा विवाद को पीछे छोड़ व्यापार और निवेश बढ़ाने पर जोर दिया।
यह मुलाकात वैश्विक व्यापार को स्थिर करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। सोमवार को समिट का दूसरा दिन सबसे अहम रहा। पीएम मोदी, चिनफिंग और पुतिन की गर्मजोशी ने माहौल ही बदल दिया। कभी प्रतिद्वंदी रहे देश अब ट्रंप की नीतियों से परेशान होकर साथ आते नजर आए।
पीएम मोदी और पुतिन कार में गए साथ
सोमवार का सबसे यादगार पल रहा पीएम मोदी और पुतिन का एक ही कार में बैठकर जाना। पुतिन अपनी सुरक्षा को लेकर काफी सख्त माने जाते हैं, लेकिन उन्होंने कार में बैठकर पीएम मोदी का थोड़ा इंतजार भी किया। यह कदम खास संदेश माना गया है।
दूसरी तरफ, शी चिनफिंग और पुतिन ने अपने भाषणों में पश्चिमी देशों को आड़े हाथों लिया। शी चिनफिंग ने धौंस दिखाने वाले देशों की आलोचना की और पुतिन ने यूक्रेन युद्ध के लिए पश्चिमी देशों को जिम्मेदार बताया।
अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान
इस समिट का एक और दिलचस्प सीन यह भी रहा जब पीएम मोदी और पुतिन साथ चलते दिखे और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक किनारे खड़े होकर देखते रह गए।