रांची
शिबू सोरेन के दशकर्म संस्कार भोज में शामिल होने के लिए नेमरा में लोगों का आना जारी है। इस दौरान भोज में कई चीजों को शामिल किया गया है। वहीं, भोज में दिशोम गुरु के पंसद की चीजों को तैयार किया गया है। भोज में हिस्सा लेने के लिए नेताओं से लेकर आम लोग आ रहे हैं। इस भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए कई जिलों के सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्य के कोने-कोने से आज नेमरा की क्रांतिकारी भूमि पर आया विशाल जनसमूह अत्यंत भावुक करने वाला है। बाबा दिशोम गुरुजी के प्रति आप सभी के इस स्नेह, सम्मान और समर्पण के लिए मैं अनेक-अनेक धन्यवाद देता हूँ, आभार और जोहार करता हूँ।
ये बड़े राजनीतिक हस्तियां भी हुई शामिल
स्वर्गीय दिशोम गुरु के संस्कार भोज में अनेक अति विशिष्ट और विशिष्ट मेहमानों के साथ लाखों की संख्या में आमजन शामिल हुए. इनमें झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, बाबा रामदेव सहित कई मंत्री, सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री, पदाधिकारी और प्रबुद्धजन शामिल हुए. सभी ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से कामना की.
इस दौरान लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की. साथ ही “गुरुजी” के साथ अपने संबंधों, बिताए गए पलों तथा अनुभवों को साझा किया. उन्होंने कहा कि वे सिर्फ झारखंड हित की बातें करते थे. उनका इस तरह दुनिया को अलविदा कहना इस राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है.
शाकाहारी और मांसाहारी भोजन की अलग-अलग व्यवस्था
खाने पीने के लिए ढाई पंडाल लगे हैं। एक पंडाल में एक बार में 2500 लोगों के बैठने की क्षमता है। करीब 8000 लोग एक बार में बैठकर संस्कार भोज ले सकता है। यहां सादे लिबास से लेकर वर्दी तक में सुरक्षा बल मौजूद हैं। यहां मेहमानों के लिए कुल 12 तरह के व्यंजन परोसे गए, जिसमे दाल, चावल, पूड़ी, आलू परवल की सब्जी, मिक्स भेज, मछली फ्राई, मटन, दही, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, बुंदिया, पापड़, सलाद आदि शामिल था. इसके साथ ही गुरु जी शिबु सोरेन के पसंद की पकौड़ी भी बनी थी.
खुद सीएम लेते रहे भोज खाने के संदर्भ में जानकारी
करीब 2 लाख से ज्यादा लोगों का इंतजाम था और देर रात तक संस्कार भोज चलता रहा. संस्कार भोज में शाकाहारी खाने वाले आगंतुकों के लिए अलग व्यवस्था थी और मांसाहारी खाने वालों के लिए अलग व्यवस्था थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं संस्कार भोज में शामिल होने के लिए पहुंचे अति विशिष्ट ,विशिष्ट मेहमानों के साथ-साथ लाखों की संख्या में पहुंचे आगंतुकों से मिलकर उनके भोज खाने के संदर्भ में जानकारी हासिल कर रहे थे.
इस जगह हुआ संस्कार भोज
दिशोम गुरु शिबू सोरेन के संस्कार भोज को लेकर रामगढ़ जिला के गोला प्रखंड के नेमरा गांव मे प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरीके से मुम्मल रखी गई थी. हर एक आगंतुकों के साथ-साथ व्यवस्थाओं पर निगरानी रखने के लिए धूमकुड़िया केंद्र में पुलिस कंट्रोल रूम बनाया गया था.
2500 से ज्यादा पुलिसबल तैनात, लोगों को लाने के लिए ऑटो की व्यवस्था
संस्कार भोज की सुरक्षा व्यवस्था में 10 आईपीएस अधिकारी, 60 डीएसपी, 65 इंस्पेक्टर और लगभग 2500 से ज्यादा की संख्या में पुलिस के जवान पूरी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में सुबह से ही लगे हुए थे. इसके साथ ही आगंतुकों के पार्किंग स्थल से लेकर नेमरा गांव के कार्यक्रम स्थल तक आने जाने के लिए 300 से अधिक ई रिक्शा की भी व्यवस्था की गई थी.
संस्कार भोज में कई राज्यों के लोग हुए शामिल
दिशोम गुरु शिबू सोरेन की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके संस्कार भोज में शामिल होने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए न सिर्फ झारखंड के 24 जिले बल्कि झारखंड से सटे पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, बिहार से भी बड़ी संख्या में लोग उनके पैतृक गांव नेमरा पहुंचे थे. सुबह 11:00 के बाद से ही आम लोगों को संस्कार भोज खिलाने का सिलसिला शुरू हो गया था जो देर रात तक चला. विशेष तौर पर तीन बड़े पंडाल बनाए गए थे जिसमें एक साथ बैठकर 5000 से ज्यादा लोग संस्कार भोज ग्रहण कर रहे थे.
बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन का 4 अगस्त को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था. उनके निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव नेमरा में हुआ था, जहां उनके मंझीले बेटे और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें मुखाग्नि दी थी. पिता को मुखाग्नि देने के बाद से ही लगातार पिछले 12 दिनों से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने गांव नेमरा में रहकर ही पारंपरिक विधि विधानों से उनके अंतिम संस्कार के कर्म का निर्वहन कर रहे थे.
सीएम हेमंत सोरेन ने जताया आभार
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के कोने-कोने से आए लोगों के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि बाबा जब नई दिल्ली के एक अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे थे, उन कठिन परिस्थितियों में राज्यवासियों का हमारे परिवार को सहारा प्राप्त हुआ, उसे कभी भूल नहीं सकता हूं. लोगों ने बाबा की जिंदगी के लिए दुआएं की, लेकिन ईश्वर को शायद कुछ और मंजूर था. आज दिशोम गुरु हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके अंत्येष्टि संस्कार से लेकर आज के संस्कार भोज में लाखों लोगों का शामिल होना, पूरे श्राद्ध कर्म के दौरान नेमरा आकर उनका हमारे साथ खड़े रहने से हमें और हमारे घर-परिवार को दुःख की इस घड़ी में काफी आत्मबल मिला.