उच्च शिक्षा विभाग ने किया ‘एपेक्स एडवाइजरी कमेटी’ का गठन
उच्च शिक्षा मंत्री परमार सर्वोच्च परामर्शदायी समिति के अध्यक्ष होंगे
भोपाल
उच्च शिक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय और वैश्विक मानकों पर पुनर्गठित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा अनुसार ‘सर्वोच्च परामर्शदायी समिति’ (Apex Advisory Committee) के गठन के आदेश जारी किए गए हैं। यह समिति उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्य करेगी, यह पहल ‘कर्मयोगी बनें’ कार्यक्रम की अनुक्रमिक कड़ी है।
समिति के अध्यक्ष उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार और सदस्य सचिव; अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन नामित किए गए हैं। समिति में डॉ. के. राधाकृष्णन चेयरमेन, बोर्ड ऑफ गवर्नेंस, आईआईटी कानपुर, प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे चेयरमेन, NAAC बेंगलुरु, प्रो. संतिश्री धूलिपुडी पंडित कुलपति, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, प्रो. आर. बालासुब्रमण्यम सदस्य (HR), कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन, मिशन कर्मयोगी, भारत सरकार, प्रो. भरत भास्कर, निदेशक, आईआईएम अहमदाबाद, प्रो. दीपक कुमार श्रीवास्तव उपाध्यक्ष, यूजीसी, भारत सरकार, डॉ. विक्रांत सिंह तोमर वैश्विक शिक्षाविद व ग्लोबल कन्वीनर यूनाइटेड कांशसनेस, प्रो. गोविंदन रंगराजन निदेशक, आईआईएससी, बेंगलुरु सदस्य नामित किए गए हैं एवं अपर मुख्य सचिव राजभवन श्री के.सी. गुप्ता सहित संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव विशेष आमंत्रित सदस्य नामित हैं।
प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत 2047’ के विज़न में मध्यप्रदेश के योगदान देने की दिशा में यह ‘सर्वोच्च परामर्शदायी समिति’ सशक्त आधार प्रदान करेगी। ‘सर्वोच्च परामर्शदायी समिति’ ‘कर्मयोगी बनें’ कार्यक्रम से प्राप्त विचारों का विश्लेषण कर ऐसी नीतियाँ सुझायेगी, जिससे एक ऐसी शिक्षा प्रणाली का विकास हो जो विद्यार्थियों को केवल डिग्रीधारी नहीं, बल्कि कर्तव्यनिष्ठ, नवाचारशील और राष्ट्रसेवक नागरिक बनाए, जो भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने में सक्रिय भागीदार बन सकें। समिति के सदस्यगणों का योगदान, मध्यप्रदेश की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों तक पहुंचाने में अत्यंत प्रभावी होगा।