नई दिल्ली
गुलवीर सिंह ने एशियाई चैंपियनशिप में पुरुषों की 10000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे भारतीय हैं। उनसे पहले हरिश्चंद्र (1975) और जी लक्ष्मणन (2017) ने यह खिताब जीता था। गुलवीर का स्वर्ण पदक 2025 में चल रही एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का पहला स्वर्ण पदक भी है। गुलवीर के नाम भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। वह दौड़ के अधिकांश समय में आगे रहे। अंतिम क्षणों में उन्होंने तेजी दिखाते हुए जीत हासिल की।
2023 में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने 5000 मीटर में कांस्य पदक भी जीता था। सावन बारवाल भी दौड़ में थे, लेकिन वह कांस्य पदक से चूक गए और चौथे स्थान पर रहे। गुलवीर सिरसा के रहने वाले हैं। उन्होंने हाल ही में डायमंड लीग में भी भाग लिया था। यह एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारत का पहला स्वर्ण पदक है। गुलवीर ने दौड़ को 28:38.63 मिनट में पूरा किया।
गुलवीर सिंह ने आखिरी लैप में बहरीन के रेसर को छोड़ा पीछे
अंतिम लैप में उन्होंने बहरीन के अल्बर्ट किबिची रोप को पीछे छोड़ दिया और पहले स्थान पर रहे। गुलवीर ने 2023 में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 5000 मीटर में कांस्य पदक भी जीता था। गुलवीर ने अतीत में भी कई पदक जीते हैं। 26 वर्षीय गुलवीर ने 2022 के एशियाई खेलों में 10000 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने 2023 में बैंकॉक में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 10000 मीटर में एक और कांस्य पदक जीता।
उन्होंने भारत की राष्ट्रीय फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 10000 मीटर में स्वर्ण पदक भी जीता। 2025 में उन्होंने बोस्टन यूनिवर्सिटी टेरियर डीएमआर चैलेंज में 5000 मीटर में 12:59.77 का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। वह ओलंपिक चैंपियन कोल होकर और उनके प्रशिक्षण भागीदार कूपर टेरे से थोड़ा ही पीछे थे। गुलवीर की इस जीत से पूरे देश में खुशी की लहर है। लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं और उनकी प्रशंसा कर रहे हैं। गुलवीर ने अपनी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है।