नई दिल्ली
सोना-चांदी की कीमतों (Gold-Silver Rates) ने इस साल की शुरुआत से ही हैरान किया है और हर रोज अपने रिकॉर्ड तोड़ते नजर आए. हालांकि, बीते कुछ समय में सोना तेजी से फिसला भी, लेकिन अब साल 2025 खत्म होने से पहले ये फिर से गदर मचा रहा है. सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर Gold Rate खुलते ही करीब 1500 रुपये चढ़कर 1.38 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार निकल गया. अचानक सोने के भाव में फिर से लौटी इस तेजी के पीछे की वजह के बारे में बात करें, तो इसके 3 बड़े कारण सामने आ रहे हैं और इन तीनों का ही कनेक्शन अमेरिका (US Connection Of Gold Price Hike) से है.
मंगलवार को सोना रॉकेट की तरह भागा
सबसे पहले बात करते हैं मंगलवार को Gold Rate Update के बारे में, तो एमसीएक्स पर लगातार दूसरे कारोबारी दिन सोने के भाव में तूफानी तेजी आई है. कारोबार के दौरान 5 फरवरी की एक्सपायरी वाले 24 Karat Gold का रेट 1519 रुपये या 1.11% की उछाल के साथ 1.38 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चल रहा था. वहीं घरेलू बाजार में सोने की कीमत को देखें, तो इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट IBJA.Com के मुताबिक, बीते कारोबारी दिन सोमवार को 24 कैरेट सोना 1,33,970 रुपये पर क्लोज हुआ था और मंगलवार को खुलने के साथ ही ये 2163 रुपये रुपये महंगा होकर 1,36,133 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया.
एशियाई बाजारों में हाजिर सोने का भाव 4,445.69 डॉलर प्रति औंस के लाइफ टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया. चांदी तो MCX पर खुलते ही 3000 रुपये से ज्यादा की उछाल के साथ 2,16,596 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई. वहीं अंतरराष्ट्री बाजार में Silver Price भी इसी रफ्तार से भागा. इसकी हाजिर कीमत 0.19% की उछाल के साथ 69.15 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई
अचानक क्यों लौटी सोने में तेजी?
दिसंबर महीने की शुरुआत में Gold Price में गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन महीने के आखिरी दिनों में ये फिर से रॉकेट बना नजर आने लगा है. 2025 में अब तक इसमें 70% की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि इस महीने टूटने के बाद फिर खड़ा हुआ सोना लगभग 10% उछल चुका है. बात करें, अचानक गोल्ड रेट में लौटी इस तेजी के पीछे के कारणों के बारे में तो निवेशकों का फिर से सुरक्षित निवेश ठिकानों की ओर रुख करना है और इसका सीधा कनेक्शन अमेरिका से है.
पहला कारण: भू-राजनीतिक टेंशन
Gold Rate के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के पीछे पहला बड़ा कारण फिर से बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव माना जा रहा है. यह तेजी तब आई है, जब अमेरिका ने वेनेजुएला (US Vs Venezuela) के तेल ले जा रहे टैंकरों को जब्त करने के प्रयास तेज कर दिए. अमेरिका के इस एक्शन के चलते एनर्जी सप्लाई में रुकावट और भू-राजनीतिक हालातों को लेकर चिंता बढ़ गई है. इसके साथ ही निवेशक फिर से सुरक्षित ठिकाना माने जाने वाले Gold की तरफ भागे हैं.
दूसरा कारण: US को सेंट्रल बैंकों का झटका
सोने की बढ़ती कीमतों के पीछे दूसरा बड़ा कारण दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों द्वारा की जा रही Gold Buying को भी माना जा रहा है. इससे जहां Gold Rate Rise हो रहा है, तो अमेरिका को बड़ा झटका लगा है. बीते दिनों आई एक रिपोर्ट की मानें, तो 1996 के बाद करीब तीन दशक में पहली बार वैश्विक केंद्रीय बैंक रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी अमेरिकी ट्रेजरी से ज्यादा हुई है. इसमें बताया गया था कि साल 2022 से ही केंद्रीय बैंकों ने हर साल करीब 1000 टन सोने की खरीद की है. ग्लोबल इकोनॉमिक स्थितियां बदली हैं और Trump Tariff नीतियों ने सोने में जोरदार तेजी ला दी है.
तीसरा कारण: FED Rate Cut के संकेत
Gold Price Rise के पीछे तीसरा बड़ा कारण भी अमेरिका से ही जुड़ा हुआ है. दरअसल, हाल ही में US FED ने पॉलिसी रेट में कटौती की थी. वहीं बाजार अब अगले साल 2026 में भी अमेरिकी ब्याज दरों में गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं. व्यापारी अगले वर्ष अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दो Rate Cut की संभावना जता रहे हैं. इसके अलावा फेड गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने भी ऐसे संकेत दिए हैं जिसने सोना जैसी गैर-लाभकारी संपत्तियों को समर्थन दिया है.


