नई दिल्ली
इंग्लैंड की टीम ने भले ही लॉर्ड्स टेस्ट मैच में जीत दर्ज की, लेकिन दो दिन बाद इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी ने टीम पर बड़ा फाइन ठोका है। इतना ही नहीं, भारत के खिलाफ मिली जीत के बावजूद इंग्लैंड की टीम के खाते में से आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के अंक भी काटे गए हैं। स्लो ओवर रेट के लिए आईसीसी ने इंग्लैंड पर 10 फीसदी मैच फीस का जुर्माना ठोका है। इसके साथ-साथ टीम के खाते में से WTC के दो पॉइंट्स भी काटे गए हैं, जिससे उनका जीत प्रतिशत 66.67 से गिर गया है और टीम दूसरे से तीसरे नंबर पर खिसक गई है।
आईसीसी एलीट पैनल के मैच रेफरी रिची रिचर्डसन ने इंग्लैंड की टीम को स्लो ओवर रेट का दोषी पाया है। दो ओवर की देरी इंग्लैंड ने की, जिसके लिए आईसीसी ने पूरी टीम को सजा दी है। प्लेयर्स एंड प्लेयर्स सपोर्ट स्टाफ के लिए आईसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के आर्टिकल 2.22 के अनुसार, जो न्यूनतम ओवर-रेट अपराधों से संबंधित है, खिलाड़ियों पर उनके द्वारा निर्धारित समय में गेंदबाजी करने में विफल रहने पर प्रत्येक ओवर के लिए उनकी मैच फीस का पांच प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता है। इंग्लैंड ने दो ओवर तय समय में नहीं फेंके तो उन पर 10 फीसदी जुर्माना लगा है।
इंग्लैंड की टीम के कप्तान बेन स्टोक्स ने अपराध स्वीकार कर लिया और प्रस्तावित दंड भी स्वीकार किया है। इसलिए औपचारिक सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी। मैदानी अंपायर पॉल रीफेल और शरफुद्दौला इब्ने शाहिद, तीसरे अंपायर अहसान रजा और चौथे अंपायर ग्राहम लॉयड ने इंग्लैंड पर ये आरोप तय किए थे। मैच रेफरी ने इन आरोपों को सही पाया और इंग्लैंड को सजा दी गई। तीन मैचों में से दूसरा मैच जीतकर इंग्लैंड के खाते में 66.67 फीसदी जीत अंक थे, लेकिन अब घटकर 60 फीसदी के करीब रह जाएंगे।