मॉस्को
रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पूर्वी तट के पास शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया है. जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेस ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.1 दर्ज की गई और यह समुद्र की सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में था.
वहीं, यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने भूकंप की तीव्रता 7.4 और गहराई 39.5 किलोमीटर बताई. आंकड़ों में अंतर के बावजूद, दोनों एजेंसियों ने इसे गहरा और शक्तिशाली भूकंप माना है. भूकंप के बाद पैसिफिक सुनामी वार्निंग सिस्टम ने संभावित सुनामी का अलर्ट जारी किया और कहा कि इस क्षेत्र में खतरा पैदा हो सकता है.
चीन के सुनामी वार्निंग सेंटर ने भी सुबह 10:37 बजे (बीजिंग समयानुसार) सूचना जारी करते हुए कहा कि भूकंप कामचटका प्रायद्वीप के पूर्वी समुद्री क्षेत्र में दर्ज किया गया है. केंद्र ने भूकंप की तीव्रता 7.1 और गहराई 15 किलोमीटर बताई. स्थानीय स्तर पर सुनामी का खतरा है.
जापान ब्रॉडकास्टर ने जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के हवाले से बताया कि जापान, जो कामचटका के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है, ने किसी भी तरह का सुनामी अलर्ट जारी नहीं किया है.
सुनामी की चेतावनी पर लेटेस्ट अपडेट: पूर्वी कामचटका, रूस के पास आए भूकंप के बाद अब सुनामी का कोई खतरा नहीं है. अधिकारियों ने चेतावनी को रद्द कर दिया है और स्थानीय लोगों को सुरक्षित रहने के लिए सामान्य सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है. भूकंप की तीव्रता और संभावित प्रभावों का अभी भी मूल्यांकन किया जा रहा है लेकिन फिलहाल किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है.
जुलाई में 8.8 तीव्रता का दर्ज किया गया था झटका
यह भूकंप उसी क्षेत्र में आया है जहां जुलाई में 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली झटका महसूस किया गया था. उस समय जापान, अमेरिका और कई प्रशांत द्वीपीय देशों – जैसे हवाई, चिली और कोस्टा रिका – के लिए सुनामी चेतावनियां जारी की गई थीं.
पैसिफिक रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है कामचटका
कामचटका प्रायद्वीप भूवैज्ञानिक दृष्टि से बेहद सक्रिय क्षेत्र है और इसे पैसिफिक रिंग ऑफ फायर का हिस्सा माना जाता है. यहां आए दिन भूकंपीय और ज्वालामुखीय गतिविधियां होती रहती हैं. इस इलाके में बड़े स्तर पर विनाशकारी भूकंप आते रहे हैं.
1952 के भूकंप से मची थी भारी तबाही
साल 1952 में कामचटका को 9.0 तीव्रता के एक भीषण भूकंप ने झकझोर दिया था. यह भूकंप अब तक दर्ज किए गए सबसे ताकतवर भूकंपों में से एक माना जाता है. उस समय भूकंप के झटकों ने भारी तबाही मचाई थी और बड़े स्तर पर सुनामी भी आई थी.