रायपुर
नक्सलियों की शांति वार्ता से जुड़े पत्र को लेकर छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि, नक्सलियों को सबसे पहले आम जनता की हत्या बंद करनी होगी।जंगलों में लगाए गए IED को हटाकर उसकी सूचना सार्वजनिक करनी होगी। इन दोनों शर्तों को नक्सली मानेंगे, तभी किसी स्तर पर चर्चा की संभावना बन सकती है। इसे सरकार की ठोस शर्त बताते हुए उन्होंने कहा कि, जनता की जान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दो पत्र जारी हुए नक्सलियों की तरफ से
गृहमंत्री ने बताया कि, नक्सलियों का पहला पत्र सामने आया है, वो पोलित ब्यूरो मेंबर का है, जबकि दूसरा पत्र एक जूनियर कैडर का है, जो तेलंगाना से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इन पत्रों में उठाए गए मुद्दे भ्रामक हैं। राज्य सरकार को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।
अगर नक्सलियों की नीयत साफ है, तो उन्हें सबसे पहले अपने कदमों से इसे साबित करना होगा। हिंसा और धमकी के रास्ते पर रहते हुए बातचीत का कोई औचित्य नहीं है।
कांग्रेस पर साधा निशाना
नक्सलियों के पत्र में उठाए सवालों के जवाब में विजय शर्मा ने कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय प्रशासन को दबाव में काम करना पड़ा। कई ईमानदार अधिकारी भी उस दौर में फंसाए गए।
यही वजह है कि आज जांच में रोज-रोज नए खुलासे हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शराब कारोबार में बाहरी लोगों को संरक्षण मिला और उससे होने वाला पैसा कांग्रेस भवन तक पहुंचता था। इसी दबाव की राजनीति ने व्यवस्था को चरमराया।
लगातार ऑपरेशन चल रहे
डिप्टी सीएम ने कहा कि, सरकार नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक मोर्चा खोल चुकी है। सुरक्षा बल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं। विकास को हर गांव तक पहुंचाने की रणनीति पर काम हो रहा है। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटें।
शांति की बात करनी है तो पहले बंदूकें नीचे रखनी होंगी। आम जनता की हत्या और IED की डर की राजनीति बंद होनी चाहिए। इसके बाद ही सरकार संवाद पर विचार कर सकती है।