नई दिल्ली
आजकल ज्यादातर स्मार्टफोन में डार्क मोड का ऑप्शन होता है। कई लोग सोचते हैं कि यह बैटरी बचाता है और आंखों के लिए अच्छा है। दरअसल, इसको इस्तेमाल करते हुए ऐसा लगता है जैसे आंखों पर रोशनी कम पड़ रही है, जिससे आंखें सही रहती हैं। इसके अलावा, ऐसा भी लगता है कि यह कम ब्राइटनेस का इस्तेमाल करता है, इसलिए लोग सोचते हैं कि इससे बैटरी कम खर्च होती है। लेकिन ये सिर्फ मिथक हो सकते हैं। चलिए जान लेते हैं वो 3 कारण, जिन्हें पढ़ने के बाद आप मोबाइल में डार्क मोड इस्तेमाल करना छोड़ देंगे।
क्या सचमुच बचाता है बैटरी की पावर?
मेक यूज ऑफ की एक रिपोर्ट (Ref.) बताती है कि लोग सोचते हैं कि OLED स्क्रीन वाले फोन में डार्क मोड बैटरी बचाता है, क्योंकि काले पिक्सल बंद हो जाते हैं। यह तब सच है अगर पिक्सल पूरी तरह ब्लैक हों। ज्यादातर डार्क मोड में गहरा ग्रे इस्तेमाल होता है। ग्रे पिक्सल भी बिजली खाते हैं। इसलिए बैटरी में ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। OLED डिस्प्ले में डार्क मोड को बैटरी सेवर बताया जाता है, लेकिन असल में ऐसा नहीं है।
टेक्स्ट पढ़ने में होती है दिक्कत
डार्क मोड में सफेद या हल्के रंग का टेक्स्ट काले बैकग्राउंड पर होता है। इससे पढ़ना मुश्किल हो जाता है। सदियों से किताबें काले अक्षरों वाले सफेद पन्नों पर छपी हैं क्योंकि इससे पढ़ना आसान होता है। डार्क मोड में कंट्रास्ट कम होता है और उससे टेक्स्ट पढ़ने में दिक्कत होती है। सैमसंग फोन्स में तो डार्क मोड और भी खराब लगता है क्योंकि वहां डार्क मोड काला, गहरा ग्रे और गहरा हरा रंग मिलाकर इस्तेमाल होता है।
अजीब लगते हैं ऐप्स के इंटरफेस
कई ऐप्स के स्क्रीनशॉट देखें तो लाइट मोड ज्यादा साफ और सुंदर लगता है। डार्क मोड में हाइलाइट किए गए हिस्से का रंग गहरा होता है और बैकग्राउंड पर अजीब लगता है। जैसे प्ले स्टोर में नीला रंग सफेद पर अच्छा दिखता है, लेकिन काले पर नहीं। जीमेल में काला टेक्स्ट सफेद पर आसानी से दिखता है, लेकिन डार्क मोड में हल्का सफेद टेक्स्ट, डार्क मोड पर अजीब लगता है। कई ऐप्स में डार्क मोड को बाद में जोड़ा गया है, इसलिए वह अच्छे से डिजाइन नहीं हुए हैं। इससे कुल मिलाकर आंखों के लिए अच्छा अनुभव नहीं मिलता।
ये फीचर उतना भी अच्छा नहीं?
डार्क मोड कभी बहुत लोकप्रिय हुआ था, लेकिन अब लोगों को एहसास होने लगा है कि यह उतना अच्छा नहीं है। डार्क मोड में कंट्रास्ट कम होता है। ज्यादातर ऐप्स इसमें अच्छे नहीं दिखते। इसके अलावा, ग्रे स्क्रीन देने पर बैटरी की बचत भी नहीं होती है। लिहाजा, आप चाहें तो इस फीचर को ऑफ भी कर सकते हैं।


