भोपाल
आज अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के जिला संस्थान के सभागार मे जिला सागर के सभी विकासखण्ड के शैक्षणिक उन्नयन हेतु वार्षिक कार्ययोजना एवं क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित हुई | इस कार्यक्रम मे पिछले वर्ष की प्रमुख गतिविधियों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमे शिक्षकों कि प्रभावी कक्षा शिक्षण की प्रक्रियाओं एवं बच्चों के सीखने मे पड़े प्रभाव से संबंधित विभिन्न कामों को सभी ने देखा और सराहा |
इस बैठक मे सागर जिले के सभी विकासखण्ड के बीआरसी समन्वयक एवं, जिला शिक्षा केंद्र से श्री अनिल जैन APC (अकादमिक), जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से वरिष्ठ प्राध्यापक श्री नेमा, एवं असाटी जी तथा प्रियंक श्रीवास्तव, जिला प्रमुख अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, सागर की उपस्थिति मे जिला सागर की पिछली वार्षिक कार्ययोजना के प्रभाव और चुनौतियों को समझा गया ।
एपीसी अनिल जैन एवं आर० के० असाटी (वरिष्ठ व्याख्याता) ने जिले के शिक्षकों की क्षमता संवर्धन हेतु अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से निपुण शिक्षक कार्यक्रम अंतर्गत संचालित डेमो कक्षाओं के प्रभाव से सहमति जताते हुए कहा की इस कार्यक्रम ने हमारे शिक्षकों को अपनी कक्षाओं को बेहतर बनाने के साथ साथ बच्चों के सीखने को भी बेहतर किया हैं | समीक्षा बैठक में जिला शिक्षा केंद्र से शालू शर्मा एवं अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन से शिफ़ा खान, आशुतोष, राम नरेश, स्वेता एवं राकेश मौजूद रहे ।
प्रियंक श्रीवास्तव (जिला प्रमुख अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, सागर) द्वारा अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति योजना कि विस्तृत जानकारी प्रदान की गई । जिसका विवरण संलग्न इस प्रकार है-
अठारह राज्यों की 2.5 लाख छात्राओं को अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति
(वर्ष 2024-25 में मध्य प्रदेश में 18,000 से अधिक छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की गई जिसमे से सागर जिले की 1,367 छात्राएं लाभान्वित हुई।)
सागर, 11 जुलाई: अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति का उद्देश्य स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली छात्राओ को सहायता प्रदान करना है।
अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति के बारे में मुख्य बातें:
• पात्रता:
o ऐसी छात्रायें जिन्होने सरकारी (पब्लिक) स्कूलों से कक्षा 10वी और 12वी की पढ़ाई की हो।
o किसी प्रामाणिक उच्च शिक्षा संस्थान (HEI) में डिग्री या डिप्लोमा कार्यक्रम में प्रवेश लिया हो। ‘प्रामाणिक’ HEI की सूची में सभी सरकारी (पब्लिक) HEI और चुनिंदा निजी HEI भी शामिल होंगे।
• छात्रवृत्ति:
डिग्री या डिप्लोमा कार्यक्रम की अवधि के लिए प्रति वर्ष 30,000 रुपये, जब तक छात्रा सफलतापूर्वक कार्यक्रम में जारी रहती है ।
उदाहरण के लिए, 4 वर्षीय बीएससी नर्सिंग प्रोग्राम करने वाली छात्राओं को उन 4 वर्षों में 1,20,000 रुपये की छात्रवृत्ति सहायता मिलेगी । यह धनराशि हर साल दो किश्तों में छात्राओ के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी । वह अपनी जरूरत के हिसाब से इस धनराशि का उपयोग कर सकती है ।
फाउंडेशन का अनुमान है कि वह शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में 2.5 लाख छात्राओ को अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही होगी । यह कार्यक्रम इस साल से देश के 18 राज्यों में शुरू किया जाएगा । अज़ीम प्रेमजी छात्रवृत्ति पायलट के तौर पर शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और झारखंड के कुछ चुनिन्दा जिलों में लॉन्च किया गया था । इस पायलट कार्यक्रम में 25,000 से अधिक छात्राओ को छात्रवृत्ति दी गई है । छात्रवृत्ति के पहले वर्ष का पैसा इन छात्राओ के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया है। वर्ष 2025-26 के लिए आवेदन प्रक्रिया सितंबर 2025 में शुरू होगी ।
अठारह राज्यों की सूची इस प्रकार है: अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड । कार्यक्रम का विवरण और कार्यक्रम के डिजाइन या कवरेज में कोई भी बदलाव आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत में अधिसूचित किया जाएगा । आने वाले वर्षों में ये संभावना है की छात्रवृत्ति कार्यक्रम में देश के सभी राज्यो को शामिल किया जाएगा ।