श्रीनगर
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी। इस बार 5 से 8 चरणों में जत्था जाएगा। इसके लिए पंजीयन की 14 अप्रैल से शुरू हो गई है, जो 31 मई तक चलेगी। पंजीयन हर दिन सुबह 10 से शाम 4 बजे तक बैंकों में की जा रही है। बैंकों को प्रतिदिन 19 सीट के कोटे के हिसाब से रजिस्ट्रेशन स्लॉट दिया गया है। वहीं पंजीयन कराने वालों की संख्या तीन गुना पहुंच रही है। प्रत्येक सदस्य का रजिस्ट्रेशन शुल्क 150 रुपए है।
इस बार 38 दिन की है यात्रा
इस बार यात्रा की अवधि 38 दिन की है। दुर्ग-भिलाई से प्रतिवर्ष 5 हजार से ज्यादा भक्त अमरनाथ यात्रा के लिए जाते हैं। इस बार भी उनमें खासा उत्साह है, लेकिन पंजीयन के लिए बैंक की सुविधा दुर्ग-भिलाई में नहीं होने से उनमें निराशा है। इस बार रायपुर में तीन और राजनांदगांव में एक बैंक अधिकृत किया गया है। रायपुर के तीन बैंकों में पीएनबी कटोरा तालाब, जम्मू एंड कश्मीर बैंक जीई रोड, एसबीआई जय स्तंभ चौक शामिल है। राजनांदगांव में पीएनबी का रामदीन मार्ग शामिल है।
वेबसाइट से करते हैं आवेदन फार्म डाउनलोड, 31 मई तक रजिस्ट्रेशन
नियमित रूप से अमरनाथ यात्रा करने वाले ज्ञानेश्वर ताम्रकार ने बताया कि वेबसाइट से फार्म डाउनलोड किया जाता है। उसमें मापदंड के अनुसार मेडिकल टेस्ट भी कराना होगा। इसके बाद आधार कार्ड की कॉपी लेकर फॉर्म जमा कराने बैंक जाना होगा है।
यहां पर बायोमैट्रिक फिंगर से रजिस्ट्रेशन हो रहा है। अमरनाथ शाइन बोर्ड ने ग्रुप रजिस्ट्रेशन भी शुरू किए हैं, जो कि 31 मई तक होंगे। समूह में प्रति व्यक्ति रजिस्ट्रेशन शुल्क 250 रुपए है। ग्रुप में रजिस्ट्रेशन में 5 से 30 व्यक्तियों का समूह हो सकता है। अमरनाथ में पहलगांव और बालटाल में आवास, भोजन की निःशुल्क व्यवस्था है। अमरनाथ यात्रा के लिए दुर्ग से पहला जत्था 30 जून और 1 जुलाई को निकलेगा।
क्या है रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस?
इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से 9 अगस्त 2025 तक चलेगी. यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 14 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुके हैं. तीर्थयात्री श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से ऑफलाइन और ऑनलाइल रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के पूरे भारत में 540 से ज्यादा बैंक ब्रांच हैं जहां से आप रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाइए और वहां 'ऑनलाइन सर्विसेज' पर क्लिक करें. उसके बाद ड्रॉपडाउन मेन्यू में 'यात्रा पर्मिट रजिस्ट्रेशन' पर क्लिक करें. सभी दिशा-निर्देशों का ध्यान से पढ़ें, शर्तों से सहमत रहें और रजिस्ट्रेशन के लिए आगे बढ़ें. अपनी निजी जानकारी जैसे नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और अपनी यात्रा की तारीख लिखें. अपनी एक पासपोर्ट साइज फोटो और हेल्थ सर्टिफिकेट की स्कैन कॉपी अपलोड करें. उसके बाद, आपके रजिस्टर्ड नंबर पर आए ओटीपी को बताकर अपना मोबाइल वेरिफाई करवाएं. फिर, 220 रुपये की रजिस्ट्रेशन फीस भरें. पेमेंट हो जाने के बाद आप पोर्टल से अपना यात्रा रजिस्ट्रेशन पर्मिट डाउनलोड कर सकते हैं.
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस
अगर तीर्थयात्री ऑफलाइन रजिस्टर करना चाहते हैं तो वो रजिस्ट्रेशन सेंटर या फिर बैंक ब्रांच पर जा सकते हैं. आमतौर पर यात्रा के चुने गए दिन से तीन दिन पहले वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन हॉल जैसे स्थानों पर टोकन पर्चियां बांटी जाती हैं. तीर्थयात्री अगले दिन ऑफिशियल रजिस्ट्रेशन और मेडिकल जांच के लिए सरस्वती धाम जाएं. तीर्थयात्रियों को जम्मू में विशिष्ट स्थानों से अपने आरएफआईडी कार्ड लेने होंगे.
बाबा बर्फानी का महत्व
बाबा बर्फानी की महिमा अपरंपार है. बाबा बर्फानी को अमरनाथ और अमरेश्वर भी कहा जाता है. अमरनाथ जी के शरणागत साधकों को शिव लोक में स्थान मिलता है. साथ ही पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. हर साल बड़ी संख्या में लाखों श्रद्धालु देश और विदेश से मनोकामना पूर्ति के लिए बाबा बर्फानी के दर्शन हेतु अमरनाथ यात्रा करते हैं. बाबा बर्फानी, जो अमरनाथ गुफा में विराजमान हैं, एक प्रमुख धार्मिक स्थल हैं. हिंदू धर्म में इसे विशेष महत्व दिया जाता है और एक पवित्र यात्रा माना जाता है. अमरनाथ गुफा में एक प्राकृतिक शिवलिंग है, जो बर्फ से बनता है और चंद्रमा के चरणों के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है.
पौराणिक मान्यतानुसार, भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता की कथा इसी गुफा में सुनाई थी, जिससे यह गुफा और भी पवित्र हो गई. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बाबा बर्फानी के दर्शन करने और अमरनाथ यात्रा करने से भक्तों के पाप नष्ट होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन करके अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की आशा रखते हैं. सनातन शास्त्रों में कहा गया है कि अमरनाथ यात्रा करने से अश्वमेघ यज्ञ करने जितना पुण्य मिलता है. यह भी कहा जाता है कि अमरनाथ की यात्रा करने से व्यक्ति को 23 तीर्थों के दर्शन करने जितना पुण्य प्राप्त होता है.