छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में पेट दर्द और घबराहट के बाद भर्ती कराई गई महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत को लेकर स्वजनों ने जमकर हंगामा कर दिया। परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए है। परिजनों का कहना है की पहले तो नर्स ने इलाज किया। उसके बाद डॉक्टर पहुंचे। उन्होंने जांच कर पर्ची में दवा लिख दी।
रात भर एक के बाद एक लगातार ग्लूकोज की बॉटल लगाते गए, लेकिन मरीज को आराम नहीं लगा। जब डियूटी नर्स को मरीज की गंभीर हालात के बारे में बताया और कहा कि हमारे मरीज को रेफर कर दीजिए। पहले तो उन्होंने हमारे साथ अभद्रता की। उन्होंने रेफर करने में घंटे लगाए। इस दौरान मरीज ने सुबह 9 बजे दम तोड़ दिया। परिजनों का कहना है जब तक प्रशासन और डॉक्टर मौके पर नहीं आएगा हम अस्पताल के सामने शव रखकर प्रदर्शन करेंगे।
परिजनों ने स्पष्ट कहा है कि डॉक्टरों की और नर्सों की लापरवाही पर कार्रवाई होना चाहिए। इसके बाद मौके पर पुलिस प्रशासन पहुंचा। पुलिस प्रशासन ने परिजनों को समझाइस दी। इधर सिविल सर्जन और आरएमओ भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पीड़ित परिजनों की पूरी बात सुनी। इसके बाद पीड़ित परिजन पीएम के लिए राजी हुए। हालांकि परिजनों का कहना है कि जब तक कलेक्टर एसडीएम मौके पर आकर नहीं मिलते तब तक हम सब का पीएम नहीं करवाएंगे। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का खुलासा हो सकेगा।
गांव में उल्टी दस्त का प्रकोप
अमरवाड़ा के ग्राम रजोला में 10 दिन पूर्व दूषित पानी पीने से 200 से अधिक ग्रामीण उल्टी दस्त का शिकार हुए थे इसके बाद मौके पर प्रशासन और स्वास्थ्य अमला पहुंचा था। स्वास्थ्य अमले ने इलाज कर खाना पूर्ति कर दी। धनराज चंद्रवंशी का आरोप है कि गांव में आज भी उल्टी दस्त का प्रकोप है प्रशासन ने कोई इलाज नहीं करवाया है और हमारी जो मरीज की मौत हुई है वह उल्टी दस्त के कारण हुई है।


