पटना
बिहार विधान सभा में आज एनडीए सरकार की ओर से आज वित्त वर्ष 2025-26 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि इस अनुपूरक बजट में कुल 91,717.1135 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय का प्रावधान किया गया है। कुल 91,717.11 करोड़ रुपये के इस अनुपूरक बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला रोजगार, पेयजल, सड़क, ऊर्जा, पेंशन, सिंचाई, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मेट्रो रेल और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह प्रावधान राज्य की विकास परियोजनाओं और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों को गति देने के उद्देश्य से किया गया है। खास बात यह है कि केंद्रीय क्षेत्र स्कीम के अंतर्गत 34 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। यह राशि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष रूप से आवंटित की गई है।
इन तीन मदों में विभाजित किया गया बजट
अनुपूरक बजट को तीन प्रमुख मदों-वार्षिक स्कीम मद, स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद, तथा केंद्रीय क्षेत्र स्कीम मद-में विभाजित किया गया है। इनमें सबसे बड़ा हिस्सा वार्षिक स्कीम मद को मिला है। वार्षिक स्कीम मद: 51,253.78 करोड़ रुपये की राशि वार्षिक स्कीम मद में कुल 51,253.7784 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट प्रस्तावित किया गया है। इसमें केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के केंद्रांश में 7,420.4721 करोड़ रुपये, राज्यांश में 6,335.1111 करोड़ रुपये, और राज्य योजनाओं में 37,498.1952 करोड़ रुपये शामिल हैं।
राज्य सरकार की योजनाओं के लिए 37,498.19 करोड़ रुपये
केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के केंद्रांश में समग्र शिक्षा अभियान, आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, पूरक पोषण कार्यक्रम और पुलिस बलों के आधुनिकीकरण जैसी योजनाओं को प्रमुखता दी गई है। वहीं राज्यांश मद में समग्र शिक्षा अभियान, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, पूरक पोषण कार्यक्रम, राष्ट्रीय जल संरक्षण कार्यक्रम, आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन और विधवा पेंशन योजना के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। राज्य की अपनी योजनाओं के लिए 37,498.19 करोड़ रुपये का बड़ा प्रावधान किया गया है। इनमें सबसे बड़ा आवंटन मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के लिए 21,000 करोड़ रुपये का है। इसके अलावा वृद्धजन पेंशन, सड़क निर्माण, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, बालिका प्रोत्साहन योजनाएँ, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, ऊर्जा कंपनियों में निवेश, ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना, मेडिकल कॉलेज निर्माण, शहरी विकास तथा हवाई अड्डा निर्माण जैसे क्षेत्रों को भी प्राथमिकता दी गई है। पटना मेट्रो रेल परियोजना, विकलांगता पेंशन, अक्षर आंचल योजना, खेल अवसंरचना, ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट, आंगनबाड़ी सेवाएँ, कृषि बाजार विकास, महादलित विकास तथा अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को भी बजट में पर्याप्त राशि दी गई है। जानिए राज्य सरकार किस योजना में कितनी राशि खर्च की गई…
21,000 करोड़ – मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना
1885.65 करोड़ – मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन
861.21 करोड़ – सड़क निर्माण
800 करोड़ – स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना
750 करोड़ – मुख्यमंत्री बालिका स्नातक प्रोत्साहन
651.83 करोड़ – सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण परियोजनाएँ
600.55 करोड़ – ऊर्जा कंपनियों में निवेश
594.56 करोड़ – ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना
573 करोड़ – मेडिकल कॉलेज व अस्पताल निर्माण
550 करोड़ – शहरी विकास हेतु भू-अर्जन
500-500 करोड़ – हवाई अड्डा निर्माण, औद्योगिक विकास हेतु भूमि, पंचायत सरकार भवन
389.77 करोड़ – पटना मेट्रो रेल परियोजना
352.16 करोड़ – विकलांगता सामाजिक सुरक्षा पेंशन
281.57 करोड़ – प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना
250 करोड़ – स्टेडियम व खेल अवसंरचना
150 करोड़ – चिकित्सा महाविद्यालय
100 करोड़ – ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना
बिजली सब्सिडी के लिए 6462 करोड़ रुपये रखा गया है
स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद में कुल 40,462.9951 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें आकस्मिकता निधि में अंतरण हेतु 21,689.50 करोड़ रुपये, विभिन्न विभागों के वेतन और अन्य मानदेय के लिए 9,243 करोड़ रुपये, तथा उपभोक्ता विद्युत सब्सिडी (125 यूनिट मुफ्त बिजली सहित) के लिए 6,462 करोड़ रुपये प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्याभूति मोचन निधि के लिए 1,211.35 करोड़ रुपये, बकाया बिजली बिल भुगतान और सड़क अनुरक्षण के लिए क्रमशः 400-400 करोड़ रुपये, जीविका स्थापना हेतु 347.51 करोड़ रुपये, निर्वाचन कार्य के लिए 122 करोड़ रुपये और त्वरित न्यायालयों के संचालन के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।


