नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसदों से मुलाकात की है। 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी की यह मीटिंग मायने रखती है। इस बैठक में उन्होंने सांसदों से साफ कहा कि वे बंगाल में कानून व्यवस्था के मसले को प्रमुखता से उठाएं और इसी पर डटे रहें। उन्होंने सांसदों से कहा कि वे चुनाव के लिए तैयार रहें और हमलों की बात जनता तक पहुंचाएं। पीएम मोदी ने कहा कि सांसद खगेन मुर्मू पर हमला चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि टीएमसी की ओर से ऐसी हिंसा को जनता तक पहुंचाना चाहिए।
बंगाल से भाजपा के 12 लोकसभा सांसद हैं और 2 राज्यसभा के मेंबर हैं। पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल में जैसे हालात हैं, उसमें जनता के बीच पहुंचना जरूरी है ताकि उन्हें संदेश दिया जाए कि स्थिति कैसी है। यदि हम जनता तक यह संदेश पहुंचाने में सफल रहे कि टीएमसी के राज में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है तो हमें फायदा मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने सांसदों से यह भी कहा कि वे एक डिटेल प्रजेंटेशन भी दें। इसमें बताएं कि वे जमीनी स्तर पर क्या प्रयास करेंगे, जिससे पार्टी को 2026 के असेंबली इलेक्शन में फायदा होगा। यह बैठक तब हुई है, जब राज्य में चुनाव आयोग की ओर से चलाए जा रहे SIR का टीएमसी विरोध कर रही है।
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने इससे पहले लोकसभा स्पीकर की अध्यक्षता में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में बताया कि 8 दिसंबर को वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर लोकसभा में डिबेट होगी। इसके अलावा 9 तारीख को चुनाव सुधारों पर बात होगी। बता दें कि शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन टीएमसी की सांसद सागरिका घोष ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर आरोप लगाया था और कहा था कि उनके हाथ खून से सने हुए हैं। घोष ने कहा था कि यह मानवीय आपदा है। बंगाल में SIR की प्रक्रिया के दौरान 40 लोगों की मौत हो चुकी है। बीएलओ जान दे रहे हैं। चुनाव आयोग के हाथों में खून लगा है और वही इसके लिए जिम्मेदार है।


