बेंगलुरु
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु ने फैसला किया है कि वह 2025 के बाकी सभी बीडब्ल्यूएफ टूर टूर्नामेंटों से नाम वापस लेंगी. यह कदम उन्होंने अपने पैर की चोट से पूरी तरह ठीक होने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उठाया है. 30 साल की यह स्टार शटलर यूरोपियन लेग से पहले लगी पैर की चोट से जूझ रही हैं. उन्होंने अपनी सपोर्ट टीम और चिकित्सा विशेषज्ञों, खास तौर पर मशहूर खेल ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. दिनशॉ पारदीवाला से सलाह के बाद यह निर्णय लिया है.
सिंधु ने सोमवार को जारी बयान में कहा, 'अपनी टीम से गहन चर्चा और डॉ.पारदीवाला के मार्गदर्शन में हमने तय किया कि मेरे लिए बेहतर यही होगा कि मैं 2025 के बाकी बीडब्ल्यूएफ टूर्नामेंटों से हट जाऊं. इससे मुझे पूरी तरह स्वस्थ होकर वापसी का मौका मिलेगा.'
सिंधु ने आगे कहा, 'यूरोपियन लेग से पहले लगी पैर की चोट अब तक पूरी तरह ठीक नहीं हुई है. इसे स्वीकार करना आसान नहीं है, लेकिन चोटें हर खिलाड़ी के सफर का अभिन्न हिस्सा होती हैं. वे आपकी धैर्य और जज्बे की परीक्षा लेती हैं, लेकिन साथ ही और मजबूती से लौटने की आग भी जगाती हैं.'
2019 की वर्ल्ड चैम्पियन सिंधु ने बताया कि उनकी रीहैब और ट्रेनिंग पहले से जारी है, जो डॉ. वेन लॉम्बार्ड की देखरेख में हो रही है. इसमें निशा रावत, चेतना, और कोच इरवांस्या अदी प्रतामा लगातार उनका साथ दे रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'डॉ. वेन लॉम्बार्ड की निरंतर देखभाल, निशा रावत और चेतना के सहयोग और कोच इरवांस्या के मार्गदर्शन में मैं ऐसे लोगों से घिरी हूं जो मुझे हर दिन मजबूत बनाते हैं. उनकी आस्था मुझ में मेरे अपने आत्मविश्वास को बढ़ाती है. मैं पहले से ज्यादा प्रेरित, आभारी और भूखी हूं नई चुनौतियों के लिए.'
कॉमनवेल्थ गेम्स की यह चैम्पियन पिछले कुछ समय से फॉर्म और फिटनेस, दोनों से जूझ रही हैं. पेरिस ओलंपिक में शुरुआती दौर से बाहर होने के बाद, 2025 का यह साल भी उनके लिए उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा. वह कई टूर्नामेंटों में पहले या दूसरे दौर में ही बाहर हुईं, जबकि इंडिया ओपन सुपर 750, वर्ल्ड चैम्पियनशिप और चाइना मास्टर्स सुपर 750 में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचना ही इस सीजन की खास उपलब्धि रही.
पिछले साल मलेशिया मास्टर्स में वह खिताब के बेहद करीब पहुंची थीं, जहां उन्हें उपविजेता रहना पड़ा. हालांकि उन्होंने दिसंबर में सैयद मोदी इंटरनेशनल सुपर 300 का खिताब जीतकर अपनी वापसी का संकेत भी दिया था.


