नई दिल्ली
भारत के इनडायरेक्ट टैक्सेशन सिस्टम में एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव कल 22 सितंबर से लागू होने जा रहा है। यह बदलाव गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) सुधार के रूप में सामने आया है। जीएसटी काउंसिल (जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं) ने सितंबर की शुरुआत में इस सुधार को मंजूरी दी थी। इसका मुख्य उद्देश्य टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाना, उपभोग को बढ़ावा देना और दरों का तार्किकरण करना है। इससे आम आदमी को बड़ी राहत मिलने वाली है। आइए जानते हैं डिटेल में…
क्या है नया बदलाव?
1. दो मुख्य स्लैब – अब जीएसटी को सरल करते हुए दो प्रमुख दरें तय की गई हैं- 5% और 18%
2. विशेष स्लैब – तथाकथित सिन वस्तुओं जैसे तंबाकू, शराब, एरेटेड ड्रिंक्स इत्यादि पर 40% जीएसटी लगेगा।
कल से आपके लिए क्या हो रहा है सस्ता?
रोजमर्रा की जरूरी चीजें
वो घरेलू सामान जिन पर अभी 12% जीएसटी लगता है, अब 5% स्लैब में आ सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
• टूथपेस्ट, साबुन और शैम्पू
• पैकेज्ड फूड जैसे बिस्किट, स्नैक्स और जूस
• डेयरी उत्पाद जैसे घी और कंडेंस्ड मिल्क
• साइकिल और स्टेशनरी
• निश्चित कीमत तक के कपड़े और जूते
2. घरेलू उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स
जिन वस्तुओं पर अभी 28% टैक्स है, उन्हें घटाकर 18% किया जा सकता है। इससे कीमतें लगभग 7–8% तक कम हो सकती हैं। इनमें शामिल हैं:
• एयर कंडीशनर
• रेफ्रिजरेटर और डिशवॉशर
• बड़े स्क्रीन वाले टेलीविजन
• सीमेंट (निर्माण और हाउसिंग के लिए महत्वपूर्ण)
ऑटोमोबाइल
ऑटो सेक्टर को भी इस बदलाव से बड़ा फ़ायदा मिलने की उम्मीद है:
• छोटे कार (1,200cc से कम इंजन वाली) पर जीएसटी 28% से घटकर 18% हो सकता है।
• टू-व्हीलर (भारत की मोबिलिटी की रीढ़) भी कम स्लैब में आ सकते हैं।
• बड़ी लग्जरी कार और एसयूवी पर ऊंचा टैक्स जारी रहेगा।
बीमा और वित्तीय सेवाएं
अभी बीमा प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगता है, जिससे यह महँगा हो जाता है। जीएसटी 2.0 में इन्हें कम स्लैब में लाया जा सकता है या कुछ मामलों में पूरी तरह छूट दी जा सकती है। बता दें कि बीमा सस्ता होने से मिडिल इनकम परिवारों में कवरेज बढ़ेगा, जिससे वित्तीय सुरक्षा और स्वास्थ्य/जीवन से जुड़े जोखिमों में कमी आएगी।
कल से क्या होगा महंगा?
जीएसटी 2.0 के बाद भी सब कुछ सस्ता नहीं होगा। सरकार ने साफ कर दिया है कि कुछ वस्तुओं पर 40% ‘सिन टैक्स’ लागू रहेगा।
• तंबाकू उत्पाद, शराब और पान मसाला
• ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म
• पेट्रोलियम उत्पाद अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर हैं, इसलिए ईंधन की कीमतों में कोई राहत नहीं मिलेगी।
• लग्जरी सामान जैसे हीरे और कीमती रत्नों पर भी ऊंचा टैक्स जारी रहेगा।