मुंबई
मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन का सपना अब हकीकत बनने की ओर है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को जानकारी दी कि हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के स्टेशन का काम अब आखिरी चरण में है और इसे साल 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह बुलेट ट्रेन का पहला फेज है, जो यात्रियों के लिए खोला जाएगा. रेलमंत्री ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक वीडियो भी शेयर की है. इसके साथ उन्होंने लिखा कि इसमें संस्कृति, पर्यावरण और कनेक्टिविटी का शानदार मेल होगा.
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर
मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के लिए दोनों शहरों के बीच नदी में 25 पुल बनाए गए हैं. इसमें से 21 गुजरात में और 4 महाराष्ट्र में हैं. इसके साथ ही मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के स्टेशन को भी अलग तरीके से तैयार किया जा रहा है. इन स्टेशनों का डिजाइन बेहद आधुनिक है और इनमें वहां की स्थानीय संस्कृति को भी दर्शाया जाएगा.
पर्यावरण को ध्यान में रखकर तैयार किए जा रहे ये स्टेशन बिजली तो बचाएंगे ही साथ ही यात्रियों को बेहतरीन सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगे. बात चाहे स्टेशनों पर लगने वाली सीटों की हो या फिर वेटिंग एरिया की. ये स्टेशन पूरी तरह से यात्रियों की सहूलियत को ध्यान में रखकर तैयार किए जा रहे हैं. रेलवे की ओर से दावा किया जा रहा है कि ये स्टेशन भारत में रेल यात्रा के नए मानक स्थापित करेंगे.
12 स्टेशन मुंबई-अहमदाबाद रूट पर होंगे
मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन 12 स्टेशनों पर रुकेगी. इसमें साबरमती, अहमदाबाद, आनंद, वडोदरा, भरूच, सूरत, बिलीमोरा, वापी, बोइसर, विरार, ठाणे और मुंबई शामिल हैं. 508 किलोमीटर लंबे सफर को पूरा करने में 02 घंटे 7 मिनट का समय लगेगा. ऐसा कहा जा रहा है कि ट्रेन की ऑपरेशनल स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. इसके साथ ही बुलेट ट्रेन 348 किलोमीटर का सफर गुजरात में तय करेगी, जबकि 156 किलोमीटर का सफर महाराष्ट्र में तय करेगी.
विश्वामित्री नदी पर बना पुल अहम पड़ाव
गुजरात के वडोदरा में विश्वामित्री नदी पर बना पुल इंजीनियरिंग का बेमिसाल उदाहरण है. 80 मीटर लंबे इस पुल को परियोजना का एक अहम पड़ाव माना जा रहा है. यह गुजरात के 21 पुल में से 17वां पुल है, जो अब बनकर तैयार हो चुका है. इस पुल में तीन खंभे लगाए गए हैं, जिसमें एक नदी के बीच में और बाकी दो किनारों पर लगाए गए हैं. वडोदरा जैसे व्यस्त शहर में इस पुल को बनाना आसान नहीं था. इस पुल को तैयार करने के लिए वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और अन्य स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर सटीक योजना तैयार की गई.
क्या है इस प्रोजेक्ट की खासियत?
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन भारत की पहली हाई-स्पीड रेल परियोजना है. भारत की बुलेट ट्रेन जापान की शिनकानसेन तकनीक पर आधारित है. इस पूरे कॉरिडोर में 12 स्टेशन होंगे, जिनमें साबरमती, अहमदाबाद, आनंद, वडोदरा, भरूच, सूरत, बिलीमोरा, वापी, बोइसर, विरार, ठाणे और मुंबई शामिल हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जापान से कई इंजीनियर्स इस प्रोजेक्ट को देखने आते हैं और यहां की तकनीक को देखकर हैरान रह जाते हैं. उनका कहना है कि वो अगले प्रोजेक्ट में यहां विकसित की गई कई तकनीकों को अपनाएंगे. रेलमंत्री ने कहा कि हम सही ट्रैक पर आगे बढ़ रहे हैं. हमारा पहला कॉरिडोर अगस्त 2027 तक शुरू हो जाएगा.
बुलेट ट्रेन क्यों है खास?
E-5 शिंकानसेन हायाबूसा बुलेट ट्रेन को साल 2011 में जापानी तकनीक से तैयार किया गया था.
हवा को चीरने के लिए ट्रेन के अगले हिस्से में 15 मीटर लंबी एयरोडायनामिक नोट दी गई है.
इस ट्रेन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें बाइब्रेशन और शोर नहीं होता है.
इस ट्रेन को इस तकनीक के साथ तैयार किया गया है क इमरजेंसी में बिना जर्क रुक जाती है.
इस ट्रेन का कोच 253 मीटर लंबी एल्यूमीनियम मिक्स धातु से बनी है, इसमें 10 कोच लगे हैं.