रांची
झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला पुलिस ने इस वर्ष अफीम की अवैध खेती को रोकने और उसकी संभावना को नगण्य करने की दिशा में प्री कल्टीवेशन ड्राइव चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में अफीम जैसी मादक फसल की खेती को रोकना और लोगों को वैकल्पिक कृषि की ओर प्रोत्साहित करना है।
इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक सरायकेला-खरसावां के नेतृत्व में आज दलभंगा ओपी परिसर में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में स्थानीय मानकी मुण्डा, ग्रामीण प्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में आमजन ने हिस्सा लिया। बैठक के दौरान सभी ने एक स्वर में यह शपथ ली कि वे अफीम की खेती नहीं करेंगे और इस दिशा में पुलिस प्रशासन को पूरा सहयोग देंगे। बैठक में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सरायकेला ने उपस्थित ग्रामीणों को स्थानीय भाषा में अफीम की खेती और इसके सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि अफीम की खेती करना गंभीर कानूनी अपराध है, जिसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि वे अफीम की जगह वैकल्पिक खेती अपनाकर न केवल कानूनन सुरक्षित रह सकते हैं, बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बना सकते हैं। ग्रामीणों को धान, मक्का, दलहन और अन्य फसलों की खेती को बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया। साथ ही पुलिस प्रशासन ने आश्वासन दिया कि कृषि विभाग और प्रशासनिक सहयोग से किसानों को आवश्यक जानकारी व मदद उपलब्ध कराई जाएगी। इस अभियान को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी पुलिस की पहल का स्वागत किया और इसे ग्रामीणों के लिए एक सकारात्मक कदम बताया।