जयपुर
राजस्थान में मानसून अब कमजोर पड़ने लगा है। मौसम विभाग का कहना है कि मौजूदा सप्ताह के दौरान बारिश की गतिविधियों में तेजी से कमी आएगी। छिटपुट स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। राजस्थान के उपर बना गहरा अवदाब क्षेत्र अब अवदाब में बदलकर पश्चिमी की ओर शिफ्ट हो रहा है। इससे प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में कमी आई है। मौमस विभाग की ओर से बाड़मेर और जैसलमेर को छोड़कर प्रदेश के किसी भी जिले में बारिश की चेतावनी नहीं दी गई है। इसके साथ ही अगले 4 दिनों के पूर्वानुमान में भी बारिश की चेतावनी नहीं है।
अगस्त-सितंबर में हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ से भारी नुकसान उठाना पड़ा। सरकार ने विधानसभा में आंकड़े पेश किए कि प्रदेश में वर्षा जनित हादसों में 193 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गईं। खास तौर पर दौसा, सवाई माधोपुर, धौलपुर, अजमेर, सिरोही, जालौर, भरतपुर सहित करीब 20 जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट का कहना है कि अतिवृष्टि के कारण अधिकांश क्षेत्रों में फसल 75% से लेकर 90% तक खराब हो चुकी है| बुवाई का समय भी समाप्त हो चुका है|
मुआवजे की मांग को लेकर विधानसभा में हंगामा
किसानों को मुआवजे की मांग को लेकर कांग्रेस लगातार विधानसभा में प्रदर्शन कर रही है। 5 सितंबर को कांग्रेस विधायक मुआवजे की मांग को लेकर ट्रैक्टर पर बैठकर विधानसभा पहुंचे थे। कांग्रेस विधायकों के हाथों में फसलें भी थीं। इस दौरान काफी हो-हंगामा भी हुआ। सोमवार को भी कांग्रेस ने मुआवजे और कानून व्यवस्था को लेकर जमकर प्रदर्शन किया था।
सीएम के निर्देश 3 दिन में मरम्मत प्रस्ताव स्वीकृत हों
सीएम भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में आपदा से हुए नुकसान की समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने, अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों, नहरों, एनिकट तथा भवनों के मरम्मत के प्रस्तावों को तीन दिन में स्वीकृत करने के विशेष रूप से निर्देश दिए। साथ ही, इन स्वीकृत प्रस्तावों का कार्य 23 सितंबर तक प्रारंभ करने और क्षतिग्रस्त पक्के और कच्चे मकान की रिपोर्ट 2 दिन में प्राप्त कर तत्काल स्वीकृति जारी करने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों से क्षतिग्रस्त सड़कों और भवनों के प्रस्ताव शीघ्र प्रेषित भी करवाए जाएं।