पटना
चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने बिहार से बाहर रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी घोषणा कर दी है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्होंने गांधी मैदान से एलान करते हुए कहा कि छठ, दिपावली और दुर्गा पूजा के दौरान अब बिहार लौटने वालों को अब ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। बस टिकट की किल्लत और ऊंचे किरायों की समस्या भी काफी हद तक कम हो जाएगी। पीपीपी मोड पर बिहार सरकार अंतरराज्यीय बस परिवहन सेवा शुरू करने जा रही है। जिससे त्योहारों के दौरान यात्रियों को बेहतर बस सेवा मुहैया हो सकेगी।
ऑफ सीजन में प्रति सीट 300 रुपये की अनुदान राशि देगी बिहार सरकार
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों से दुर्गा पूजा, छठ जैसे अवसरों पर बिहार आने वालों की संख्या बहुत ज्यादा होती है। जिस दौरान लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। बिहार सरकार ने इस समस्या का समाधान कर दिया है। इसके लिए पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर अंतरराज्यीय बस परिवहन शुरू करने जा रही है। इसके अंतरराज्यीय बस परिवहन सेवा देने वाले निजी बस ऑपरेटरों को प्रोत्साहित करने के लिए पीक सीजन में प्रति सीट 150 रुपये और ऑफ सीजन में प्रति सीट 300 रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी। इसके लिए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम और निजी ऑपरेटरों के बीच पांच साल का अनुबंध किया गया है। जिससे दूसरे राज्यों से बिहार आने वाले बसों संख्या और कनेटिविटी बढ़ेगी।
छठ, दीपावली और दुर्गा पूजा को देखते हुए लोगों को सुगम व सस्ता परिवहन उपलब्ध के उद्देश्य से सरकार ने यह कदम उठाया है। आपको बता दें कि बिहार से बहुत से लोग काम की तलाश हरियाणा सहित पड़ोसी राज्य पंजाब और दिल्ली में काम की तलाश में आते है।
त्योहारों पर ये लोग घरों की और लौटने लगते है। हरियाणा और पंजाब से बिहार के लिए सीधी बस सर्विस नहीं है। इन लोगों को ट्रेनों में सफर करना पड़ता है, लेकिन भीड़ ज्यादा होने के कारण ट्रेनों में सीट नहीं मिल पाती।
योजना पर 36.35 करोड़ रुपए किए जाएंगे खर्च
इसके अलावा अक्टूबर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने है। सरकार दूसरे प्रदेशों से बिहार के लोगों को लाकर सुर्खियां बटोरना चाहती है। ताकि लोगों के बीच सरकार के प्रति अच्छी अवधारणा बने। हालांकि सरकार ने इस योजना को हर साल लागू करने का निर्णय लिया है। सरकार की इस योजना पर 36.35 करोड़ रुपए होंगे खर्च
दिल्ली और यूपी से भी चलेंगी बसें
एक सितंबर से इन बसों के लिए बुकिंग शुरू होगी। बसों का संचालन 20 सितंबर से 30 नवंबर तक किया जाएगा। बिहार से ये बस सेवाएं पटना, भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गया और पूर्णिया से डेली दिल्ली, गाजियाबाद, गोरखपुर, लखनऊ, कोशांबी और हरियाणा के गुरुग्राम, पंचकूला, अंबाला, चंडीगढ़, पानीपत के लिए चलेंगी।
निजी बस आॅपरेटरों के साथ सरकार ने 5 साल के लिए किया अनुबंध
इस योजना को लागू करने के लिए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम और निजी आॅपरेटरों के बीच पांच साल का अनुबंध किया गया है। जिससे दूसरे राज्यों से बिहार आने वाले बसों संख्या और कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
सरकार की ओर से इंटर स्टेट परिवहन सेवा देने वाले निजी बस आॅपरेटरों को प्रोत्साहित करने के लिए पीक सीजन में प्रति सीट 150 रुपए और आॅफ सीजन में प्रति सीट 300 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।
इन जिलों में सबसे ज्यादा प्रवासी, भाजपा ने कार्यकर्ताओं को सौंपी जिम्मेदारी
हरियाणा के 12 जिले ऐसे हैं जहां बड़ी संख्या में बिहार के लोग रहते हैं। पार्टी ने जिन जिलों की पहचान की है, उनमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, अंबाला, हिसार, झज्जर, करनाल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, पानीपत, रेवाड़ी, सोनीपत और यमुनानगर शामिल हैं। भाजपा ने इन प्रवासियों से संपर्क करने के लिए कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई है।
पांच वर्षों में कुल 35 करोड़ 64 लाख रुपये किए जाएंगे
परियोजना पर पांच वर्षों के दौरान कुल 35 करोड़ 64 लाख रुपये किए जाएंगे। इसके अलावा योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए 2 फीसद यानी 71 लाख 28 हजार रुपये आकस्मिकता मद के लिए भी होंगे। जिस पर कुल खर्च 36 करोड़ 35 लाख 28 हजार रुपये खर्च होंगे। वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस पर 7 करोड़ 27 लाख 6 हजार रुपये का व्यय बिहार आकस्मिक निधि से किया जाएगा। उम्मीद जताई है कि इस बार छठ और दुर्गा पूजा के दौरान बस टिकट की किल्लत और ऊंचे किरायों की समस्या काफी हद तक कम होगी।
यहां पढ़िए कहां-कहां से चलेंगी बसें हरियाणा के गुरुग्राम, पंचकूला, अंबाला, चंडीगढ़, पानीपत से बिहार के पटना, भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गया और पूर्णिया के लिए चलेंगी। एक सितंबर से इन बसों के लिए बुकिंग शुरू होगी। बसों का संचालन 20 सितंबर से 30 नवंबर तक किया जाएगा। हर साल ये योजना लागू होगी।
सरकार देगी 300 रुपए तक की सब्सिडी बिहार सरकार ने इंटर-स्टेट बस सेवा देने वाले निजी ऑपरेटरों को प्रोत्साहित करने के लिए योजना बनाई है। पीक सीजन में प्रत्येक सीट पर 150 रुपए और ऑफ सीजन में 300 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम और निजी बस ऑपरेटरों के बीच पांच साल का अनुबंध किया गया है। इससे दूसरे राज्यों से बिहार आने वाली बसों की संख्या और कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
35 करोड़ 64 लाख रुपए किए जाएंगे खर्च इस पूरे प्रोजेक्ट पर पांच वर्षों के दौरान कुल 35 करोड़ 64 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए 2 प्रतिशत यानी 71 लाख 28 हजार रुपए इमरजेंसी बजट के लिए भी होंगे। जिस पर कुल खर्च 36 करोड़ 35 लाख 28 हजार रुपए खर्च होंगे।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस पर 7 करोड़ 27 लाख 6 हजार रुपए का खर्च बिहार इमरजेंसी फंड से किया जाएगा। उम्मीद जताई है कि इस बार छठ और दुर्गा पूजा के दौरान बस टिकट की किल्लत और ऊंचे किरायों की समस्या काफी हद तक कम होगी।
हिसार सहित 12 जिलों में सबसे ज्यादा प्रवासी हरियाणा के 12 जिले ऐसे हैं जहां बड़ी संख्या में बिहार के लोग रहते हैं। इनमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, अंबाला, हिसार, झज्जर, करनाल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, पानीपत, रेवाड़ी, सोनीपत और यमुनानगर शामिल हैं। इन जिलों में बिहार से आने वाली प्रवासी आबादी की संख्या अधिक है।