नई दिल्ली
भारत को विविधताओं का शहर कहा जाता है। यहां खानपान से लेकर घूमने फिरने के लिए कई जगहें मौजूद हैं। भारत में जब भी सबसे खूबसूरत राज्यों की बात हाेती है तो राजस्थान का नाम सबसे पहले लिया जाता है। भारत में ऐसे कई शहर मौजूद हैं जो अपने खास नामों और उपनामों (Nickname) से फेमस हैं। ये नाम न सिर्फ उनकी पहचान बन जाते हैं, बल्कि वहां की संस्कृति, इतिहास और खूबसूरती को भी दिखाते हैं। ऐसा ही एक नाम है Golden City। आमतौर पर लोग जब इस नाम को सुनते तो उन्हें पंजाब के अमृतसर की ही याद आती है, लेकिन दिलचस्प बात तो ये है कि राजस्थान का एक शहर भी इसी नाम से जाना जाता है। ये शहर अपनी अनोखी पहचान के लिए दुनियाभर में मशहूर है। देश-विदेश से लोग यहां की रौनक और खूबसूरती को देखने के लिए हर साल आते हैं।
यहां का माहौल, वास्तुकला और लोक संस्कृति हर किसी को अपना दीवाना बना देती है। ये जगह न सिर्फ घूमने के लिहाज से खास है, बल्कि इसके पीछे एक पुरानी कहानी और विरासत भी जुड़ी हुई है। अगर आपको भी घूमने-फिरने का शौक है और भारत के अलग-अलग शहरों की खासियत को जानना चाहते हैं, तो इस Golden City के बारे में भी आपको जरूर जानना चाहिए। आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। हम आपको इससे जुड़ी दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से –
बलुआ पत्थर के एक टीले पर बसा है शहर
आपको बता दें कि जेसलमेर पीले रंग के बलुआ पत्थर के एक टीले पर बसा है। इस पर एक किला है, जिसमें एक महल और कई खूबसूरत जैन मंदिर हैं। यहां के बहुत से घर और मंदिर बहुत ही सुंदर ढंग से तराशे गए हैं। ये शहर Thar Desert के बीचों-बीच बसा हुआ है। अब आप सोच रहे होंगे कि जैसलमेर में ऐसा क्या है जो इसे Golden City के नाम से जाना जाता है। तो हम आपको बता दें कि जैसलमेर थार रेगिस्तान में बसा एक शहर है और यहां का रेतिला रेगिस्तान पूरे देश में जाना जाता है।
सुनहरे रंग में रंग जाता है पूरा जैसलमेर
बताया जाता है कि जब रेगिस्तानी मिट्टी पर सूरज की रोशनी पड़ती है तो पूरा शहर सुनहरे रंग में चमक उठता है। दूर-दूर तक रेगिस्तान का सुनहरा नजारा देखने को मिलता है। कहते हैं कि पीली रेत और सभी इमारतों में इस्तेमाल हुए पीले बलुआ पत्थर पूरे शहर और उसके आस-पास के इलाके को सुनहरे रंग में रंग देते हैं। यही कारण है कि जैसलमेर (Jaisalmer) को गोल्डन सिटी के नाम से जाना जाता है।
जैसलमेर नाम कैसे पड़ा?
जैसलमेर शहर का नाम राजपूत राजा राव जैसल के नाम पर रखा गया है। इन्होंने इस शहर को 1156 ईस्वी में बसाया था। जैसलमेर का मतलब है- जैसल का पहाड़ी किला। ये राजस्थान का सबसे बड़ा और देश के सबसे बड़े जिलों में से एक है। जैसलमेर किले को त्रिकूट गढ़ भी कहते हैं। इसे 1156 में भाटी राजपूत शासक राव जैसल ने मेरु पहाड़ी पर बनवाया था। ये किला कई लड़ाइयों का गवाह रहा है।
जैसलमेर के हैं कई नाम
दिन के समय इसकी बड़ी सी बलुआ पत्थर की दीवारें शेर जैसी भूरी दिखती हैं, और जब सूरज डूबने लगता है, तो वो सुनहरी यानी कि गोल्डन हो जाती हैं। आपको बता दें कि इसे गोल्डन सिटी के अलावा और भी कई नामों से जाना जाता है। इसमें हवेलियों का शहर, म्यूजियम सिटी, पीले पत्थरों का शहर, झरोखों की नगरी जैसे कई नाम शामिल हैं।