नई दिल्ली
बिहार के रहने वाले जो लोग दिल्ली, मुंबई और एनसीआर समेत अन्य जगहों पर रहते हैं। ऐसे लोग बिहार जाए बिना भी वहां की वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकते हैं। इसके लिए वह चाहे तो अपना एनुमरेशन फॉर्म भरकर ऑनलाइन जमा करा सकते हैं, नहीं तो वह इस फॉर्म को भरकर बिहार में रह रहे अपने घर-परिवार और यार-दोस्तों को वाटसऐप कर सकते हैं। जो उसे इलाके के बीएलओ को फॉरवर्ड कर देंगे।
चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि इस सुविधा से ऐसे लोगों को काफी सहुलियत होगी। जो किसी ना किसी कारणवश बिहार की नई वोटर लिस्ट बनाने के लिए चलाए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान बिहार में अपने घरों में नहीं पहुंच सकते। इसके लिए वह अपना फॉर्म बिहार में रह रहे घर-परिवार के लोगों से अपने मोबाइल फोन पर वाटसऐप करा सकते हैं। जिसे भरकर वह वापस उसे वाटसऐप कर दें जो बीएलओ को फॉरवर्ड कर देंगे।
अगर फॉर्म नहीं मिल पा रहा है तो वह चुनाव आयोग की वेबसाइट और ईसीआईनेट के माध्यम से भी अपना फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं।
फॉर्म में कोशिश करें कि सपोर्ट में मांगे जा रहे जन्म प्रमाण पत्र भी अटैच करें। अगर किसी कारणवश किसी के पास कोई प्रमाणपत्र नहीं है तो भी वह एनुमेरेशन फॉर्म भरकर ऑनलाइन या ऑफलाइन जरूर जमा करा दे। इससे उनका नाम वोटर लिस्ट के ड्रॉफ्ट पब्लिकेशन में आ जाएगा। फिर ऐसे लोगों के पास अपने सर्टिफिकेट जमा कराने का 30 सितंबर से पहले तक का समय रहेगा। अधिकारियों ने बताया कि एनुमरेशन फॉर्म बांटने का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब बांटे गए फॉर्म को कलेक्ट किया जाना शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है कि 15 जुलाई तक 80 फीसदी से अधिक फॉर्म जमा हो जाएंगे।
इसके बाद यह पता लग जाएगा कि कितने फॉर्म में सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट लगे कितनों में नहीं। उसी हिसाब से फिर आयोग आगे की रणनीति बनाएगा। जिसमें 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोग को सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट में आधार, राशन कार्ड और वोटर कार्ड को भी शामिल करने पर विचार करने की बात कही है। इसके लिए आयोग के पास 21 जुलाई से पहले तक का वक्त है। क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 28 जुलाई को होनी है। इससे पहले आयोग को 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में इसकी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी है। जिसमें आयोग सुप्रीम कोर्ट को बताएगा कि उसकी यह ड्राइव कितनी सही चल रही है। अगर इस दौरान मांगे जा रहे 11 तरह के दस्तावेजों से काम नहीं चलता दिखेगा तो फिर आयोग आधार, राशन कार्ड और वोटर कार्ड को भी मान्यता दे सकता है।