मुंबई, (mediasaheb.com) भारत में चौथी पीढी की उद्योग क्रांति, स्मार्ट सिटीज के लिए स्मार्ट सोल्यूशंस उपलब्ध कराने एवं कृषि सेक्टर के विकास तथा विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार के अवसर पर चर्चा करने के लिए मुंबई के ट्रेड सेंटर में आगामी 6 से 8 मार्च 2019 के दौरान तीन दिवसीय सेमिनार का आय़ोजन किया जा रहा है। इस सेमिनार में कमल मोरारका (अध्यक्ष, एमवीआईआरडीसी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर मुंबई) और मुख्य अतिथि) के रूप में सुरेश प्रभु (वाणिज्य और उद्योग मंत्री), डॉ हरदीप सिंह पुरी (राज्य मंत्री, केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री) मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही मालदीव सरकार में वित्त मंत्री इब्राहिम आमेर और विजय कलंत्री (अध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग संघ) भी मौजूद रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि इंडस्ट्री 4.0 क्रांति को गेम-चेंजर माना जा रहा है। अत्याधुनिक उद्योग सेक्टर में संचालन, सूचनाओं के बेहतरीन उपयोग व प्रक्रियाओं को संभालने की कुशलता समेत इंडस्ट्री की गतिविधियों में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के बारे में पैनलिस्ट अपनी बात रखेंगे और इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक चेन और रोबोटिक्स जैसी नवीन तकनीकों के प्रसार और सेवा क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर उनके प्रभाव पर चर्चा करेंगे। एमएसएमई सेगमेंट में प्रतिस्पर्धा के निर्माण के बाद डेटा सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर भी इस सेमिनार में चर्चा होगी । वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में सेवा सेक्टर का योगदान 65 प्रतिशत है। सेमिनार के उद्घाटन सत्र के दौरान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, निवेश और विकास में सेवा सेक्टर्स की भूमिका के साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था की मांग को बढ़ाने में इस सेक्टर के महत्व को भी उजागर किया जाएगा।
उम्मीद जताई जा रही है कि वर्ष 2050 तक भारत की 50 फीसदी से अधिक आबादी शहरी क्षेत्रों में निवास करने लगेगी। जून 2015 में, केंद्र सरकार ने ‘स्मार्ट सिटीज मिशन’ शुरू किया। ‘स्मार्ट सिटीज़ में शहरी क्षेत्र के सतत और समावेशी विकास को शामिल किया गया है। इस सत्र का उद्देश्य स्मार्ट सिटी में ऊर्जा आपूर्ति, अपशिष्ट प्रबंधन, सार्वजनिक परवहन व यातायात सुविधाओं को बेहतर बनाने व सेवा सेक्टर्स की बढ़ती मांग को ध्यान में रख कर बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। ’स्मार्ट शहरों’ के लिए डिजिटल सेवा वितरण प्रणाली को बेहतर करने के साथ ही सेवा सेक्टर में रोजगार के अवसरों की पहचान करना भी शामिल है। स्मार्ट सिटी की संकल्पना को साकार करने के लिए प्रशासन की ओर से किए जा रहे प्रयासों व योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज (इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट, क्लीन एनर्जी, ग्रीन बिल्डिंग, स्मार्ट ग्रिड, अपशिष्ट प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण) को बेहतर करने, डिजिटल बैंकिंग (ई-बैंकिंग और डिजिटल भुगतान) प्रणाली को सुचारू करने और डिजिटल गवर्नेंस और सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली को मजबूत करने की योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे उन्नत देशों में, कृषि सेक्टर व उससे संबंधित सेवाओं का योगदान सकल घरेलू उत्पाद का 70 प्रतिशत से अधिक है। जबकि भारत, चीन, ब्राजील और रूस जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में भी इस सेक्टर का प्रतिनिधित्व सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 50-60 प्रतिशत है। इस सेमिनार में विनिर्माण और कृषि सेक्टर में आनेवाली चुनौतियों व उससे निबटने के उपायों के बारे में पैनलिस्ट व प्रशासकीय अधिकारी चर्चा करेंगे। कृषि क्षेत्र के विकास के लिए फॉर्म टू मार्केट्स के जरिए कृषि फसलों व उत्पादन को बाजार उपलब्ध कराने, मार्केटिंग व वितरण व्यवस्था को बेहतर करने के साथ ही लॉजिस्टिक्स सेवाओं पर भी विशेषज्ञों से चर्चा की जाएगी।(हि.स.)