रायपुर, (mediasaheb.com )भारतीय जनता पार्टी (#BjP ) किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने प्रदेशभर में धान खरीदी में हो रही अनियमितता को लेकर प्रदेश सरकार की नीयत, नीति और नेतृत्व पर सवाल उठाया है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की बदनीयती, कुनीतियों और वैचारिक तौर पर पंगु नेतृत्व के चलते प्रदेश के किसान परेशान हो रहे हैं।
भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि धान खरीदी को लेकर प्रदेश के किसान शुरू से ही परेशान हो रहे हैं। वादे के खिलाफ जाकर किसानों का धान 25 सौ रुपये के बजाय 1815 – 1835 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदा जा रहा है। इधर विपक्ष में रहते हुए एक नंवबर से धान खरीदने की मांग करने वाले भूपेश बघेल (#Bhupesh Baghe ) मुख्यमंत्री बनते ही धान खरीदी की तारीख एक माह आगे बढ़ाकर अपने सियासी चरित्र का परिचय दे चुके हैं। अब प्रदेश सरकार धान खरीदी के लिए बारदाने तक कम दे रही है और सुनियोजित षड्यंत्र के तहत रकबा घटाने के साथ-साथ धान खरीदी की लिमिट भी तय कर दी।
यह प्रदेश सरकार (#States Govt. )किसानों के लिए संत्रास बनकर सत्ता में काबिज हुई है और प्रदेश का अन्नदाता किसान इस सरकार के झूठ-फरेब, धोखाधड़ी, वादाखिलाफी और छलावे का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार बैठा है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की धान खरीदी की लिमिट के चलते अब किसानों का सिर्फ 60 फीसदी धान ही खरीदा जा सकेगा। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के रोज-रोज के नए और तुगलकी फरमान के चलते प्रदेश के किसान 15 फरवरी तक अपना पूरा धान ही नहीं बेच पाएंगे।
भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार किसानों को हैरान करने पर आमादा है जबकि दूसरी तरफ सूखत, तौल और भराई के नाम पर किसानों को 10 किलो तक अधिक धान प्रति क्विंटल तौलकर लूटने का काम भी हो रहा है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सभी किसान इस वर्ष प्रदेश सरकार की तुगलकी नीतियों और अव्यवस्था से बेहद हलाकान हैं। सरकार ने खरीदी प्रक्रिया को इतना पेचीदा बना दिया है कि किसान कदम-कदम पर परेशान हो रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि किसानों ने जितने रकबे का पंजीयन सोसाइटियों में कराया है, उस अनुपात में धान की खरीदी नहीं की जा रही है। किसानों के इस मुद्दे पर भाजपा (#BJP ) उनके साथ खड़ी है। पार्टी की मांग है कि प्रदेश सरकार अपने वादे के मुताबिक धान की खरीदी 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर पर करे और इस राशि का तत्काल भुगतान हो। खरीदी केन्द्रों में आज जिन किसानों को टोकन दिए जा रहे हैं, उनका धान जनवरी में खरीदा जाएगा। यह बड़ा छलावा है। अक्टूबर माह से धान कटाई कर चुके किसानों का धान जनवरी में बिकेगा तो किसान अपनी उपज की सुरक्षा व भंडारण के लिए कितना परेशान होंगे, प्रदेश सरकार इस बात का विचार ही नहीं कर रही है। इसी प्रकार खरीदी केन्द्रों में अमानक व फटे-पुराने बारदानों के चलते भी किसान धान तौल के बाद भी परेशान हो रहे हैं। श्री शर्मा ने इन तमाम अव्यवस्थाओं मद्देनजर प्रदेश सरकार को दोषी बताते हुए इस दिशा में तत्काल सुधारात्मक कदम उठाकर किसानों को तत्काल राहत मुहैया कराने की मांग की है।