कोलंबो , (mediasaheb.com ) पूर्वी श्रीलंका में शुक्रवार देर रात सुरक्षाबलों और कथित आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में छह बच्चों समेत 10 नागरिकों और छह आतंकियों की मौत हो गई। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि उस समय एक घर में विस्फोट के बाद आग लग गई और कम से कम दो संदिग्ध आतंकवादी भाग निकले।
देश के पूर्वी तट पर संथारमुथु शहर में दिन में छापे के दौरान घर पर एक भयावह दृश्य सामने आया था, जब घर में तीन धमाके हुए और उसके साथ ही शव और घर की छत पूरी तरह से उड़ गई। मारे जाने वालों में एक महिला है, जो छापेमारी के समय रिक्शा पर सवार थी। पुलिस संदिग्ध आतंकवादियों और नागरिकों के बीच संभावित संबंधों की जांच कर रही है। इससे पहले शुक्रवार को अधिकारियों ने गोलीबारी वाले स्थान से कुछ मील की दूरी पर एक अलग गैराज से विस्फोटक, एक लाख बॉल बेयरिंग और आतंकी संगठन आईएसआईएस की वर्दी और झंडे जब्त किए थे। ईस्टर रविवार को शृंखलाबद्ध बम हमलों की पृष्ठभूमि में अपराधियों की खोजबीन के लिए यह छापेमारी की गई। ईस्टर रविवार के हमले में कई श्रद्धालुओं सहित 253 लोग मारे गए थे। इन हमलों के लिए एक स्थानीय चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) को दोषी ठहराया गया है लेकिन उसने हमलों का दावा नहीं किया है।
हालांकि इन हमलों की जिम्मेदारी का दावा आतंकी संगठन आईएसआईएस ने जरूर किया लेकिन हमलावरों और आतंकी समूह के बीच की कड़ी अभी तक की जांच में साबित नहीं हुई है। मेजर जनरल अरुणा जयसेकरा ने कहा, ‘“एक घायल संदिग्ध मोटरसाइकिल पर भाग गया और एक अन्य संदिग्ध आतंकवादी भी भाग सकता है।” मृत पाए गए छह संदिग्ध आतंकवादियों में से एक की पहचान मोहम्मद नियास के रूप में हुई है, जिसे अधिकारी एनटीजे के प्रमुख सदस्य के रूप में जानते हैं। इससे पहले सेना के एक बयान में नियास की पहचान ईस्टर रविवार हमलों के कथित सरगना जहरान हाशिम के बहनोई के रूप में हुई थी। कथित बम बनाने वाले गैराज के सामने रहने वाले पड़ोसी अलियार मोहम्मद के मुताबिक, “यह इमारत जिन्होंने किराये पर ली थी, वह कट्टानकुडी के रहने वाले थे। संथारमुथु पहुंचने के लिए कट्टानकुडी से करीब एक घंटे का वक्त लगता है।” सीएनएन ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से बताया, “यह जगह दो-तीन सप्ताह पहले ही किराये पर ली गई थी।
मालिकों को तब पता चला कि यहां संदिग्ध माल तैयार किया जा रहा है, जब पुलिस यहां छानबीन के लिए पहुंची। हालांकि किरायेदार ने यहां चप्पल बनाने का कारखाना शुरू करने का दावा किया था और मालिकों ने उनके सामान को देखा भी लेकिन यह नहीं समझ पाए कि वास्तव में वो सामग्री क्या थी। कोलंबो बम विस्फोट के बाद उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी।” पुलिस के अनुसार कलमुनाई, चवलाकाडे और सामंतथुरई के पूर्वी शहर में अगली सूचना तक कर्फ्यू लागू हैं। गोलीबारी के बाद इन शहरों पर कर्फ्यू लगाया गया था। गोलीबारी स्थल पर चल रहे पुलिस ऑपरेशन के बीच आसपास के लगभग 600 घरों में, मुख्य रूप से मुस्लिमों को सुरक्षा बलों द्वारा एक स्थानीय स्कूल में सुरक्षित पहुंचाया गया है। इन्हीं में से एक मोहम्मद फेलेल के अनुसार उसने लगभग 7.15 बजे पहला बम विस्फोट होने की आवाज सुनी। विस्फोट और गोलाबारी चार घंटे तक जारी रही, जब तक कि शनिवार सुबह 6 बजे गांव को खाली नहीं करा लिया गया।
फेलेल ने बताया, “मुझे डर था कि मैं अंदर रह गया हूं और वहां लोग फायरिंग कर रहे थे, लोग मारे जा रहे थे। अब रात में मुझे नींद नहीं आएगी, मुझे बहुत डर लग रहा है।” उल्लेखनीय है कि श्रीलंकाई अधिकारियों की नजर आईएसआईएस से जुड़े उन 140 लोगों पर है, जिन्होंने ईस्टर संडे के आत्मघाती विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 253 लोग मारे गए। सेना ने कहा कि इस इलाके में 10,000 सैनिकों को तैनात किया गया है ताकि वे उन्हें खोज सकें और धार्मिक केंद्रों को सुरक्षा प्रदान कर सकें। (हि स)।