-कांग्रेस व राजद चाहते हैं, वह उनके टिकट पर लड़ें
नई दिल्ली, (mediasaheb.com) पूर्व केन्द्रीय मंत्री व बिहार के पटना साहिब संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा इन दिनों पार्टी के गले की हड्डी बने हुए हैं। सरकार व शक्तिशाली नेताओं पर उनके लगातार हमले से भाजपा के साहेबान परेशान हैं लेकिन न तो उन पर कार्रवाई कर रहे हैं ना ही पार्टी से निकाल रहे हैं। फिर भी शत्रुघ्न सिन्हा 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से अपना टिकट काटा जाना पक्का मानकर राष्ट्रीय जनता दल व कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से बात कर रहे हैं। वह कैसे चुनाव लड़ेंगे इसका खुलासा नहीं करके, पटना साहिब सीट पर भाजपा के प्रत्याशी की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं।
भाजपा इस संसदीय क्षेत्र पर जैसे ही प्रत्याशी के नाम की घोषणा करेगी, वैसे ही शत्रुघ्न सिन्हा अपने अगले कदम की घोषणा कर देंगे। उनके बारे में राजद नेता तेजस्वी यादव कहते हैं कि शत्रुघ्न सिन्हा अच्छे व प्रसिद्ध नेता है, उनका नाम व चेहरा है, जिसे पूरे देश में जाना जाता है। वह हमारे पारिवारिक सम्मानित मित्र व शुभचिंतक हैं। सूत्रों के अनुसार राजद चाहता है शत्रुघ्न सिन्हा उनकी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ें जबकि कांग्रेस उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कराकर स्टार प्रचारक बना चुनाव लड़ाना चाहती है।
कांग्रेसी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी शत्रुघ्न सिन्हा की बात हुई है। इनके विश्वासपात्र नेताओं का कहना है कि शत्रुघ्न सिन्हा “खामोश” नहीं रहेंगे। उनकी जदयू प्रमुख नीतीश कुमार से भी बहुत पटती है। यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद – कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर भाजपा को फिर गले नहीं लगाये होते तो शत्रुघ्न सिन्हा जदयू के टिकट पर पटना सहिब से चुनाव लड़ते । अब तो नीतीश की पार्टी जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं है लेकिन दोनों की दोस्ती आज भी बनी हुई है। ऐसे में शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट भाजपा काटती है तो वह निर्दलीय लड़ सकते हैं। निर्दलीय लड़ने पर उनको राजद व कांग्रेस समर्थन करें, इसके लिए उन्होंने कांग्रेस व राजद नेताओं से कई दौर की बातचीत की है।
कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ें और राजद नेता चाहते हैं कि उनकी पार्टी के टिकट पर। कांग्रेस चाहती है कि शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस ज्वाइन कर लें और चुनाव के दौरान देश भर में भाजपा के शीर्ष नेताओं के विरुद्ध प्रचार करें। जहां तक पटना साहिब लोकसभा संसदीय सीट का सवाल है, यह सीट बिहार की प्रमुख लोकसभा सीटों में से एक है। लगभग 21 लाख मतदाताओं वाली इस संसदीय सीट के अन्तर्गत 6 विधानसभा सीटें पड़ती हैं। इस सीट पर भाजपा की अच्छी पकड़ है। यहां कायस्थ समाज के मतदाताओं की एकजुटता व संख्या प्रभावी है। यहां से 2009 और 2014 लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा जीते थे। 2009 के चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र में 33.64 प्रतिशत वोट पड़े थे, जिसमें से 57.30 प्रतिशत वोट भाजपा प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा को मिले थे। 10 साल के यूपीए सरकार की विरोधी लहर में 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां जो 45.33 प्रतिशत वोट पड़े थे, उसमें मिले कुल वोट में शत्रुघ्न सिन्हा को 2009 से 2.27 प्रतिशत कम वोट मिले। हालांकि दोनों ही बार अपने से कम वोट पाने वाले दूसरे नम्बर के प्रत्याशी को मिले वोट से दूने से अधिक वोट पाये थे।
इस संसदीय क्षेत्र में कायस्थ मतदाताओं की संख्या प्रभावी होने तथा यादव व मुसलमान मतदाताओं की संख्या अच्छी होने के कारण राष्ट्रीय जनता दल चाहता है कि शत्रुघ्न सिन्हा उनकी पार्टी के टिकट पर यहां से चुनाव लड़े। गठबंधन में होने के कारण कांग्रेस व अन्य कुछ दल भी उनको सहयोग करेंगे। ऐसे में यदि शत्रुघ्न सिन्हा कायस्थ वोट एक तिहाई भी ले लिये तो यादव व मुसलमान वोट मिलने से चुनाव जीत सकते हैं लेकिन राजद के नेताओं के इस तर्क काे भाजपा के नेता हवाई तर्क बता रहे हैं। कह रहे हैं कि तीन तलाक मामले में भाजपा सरकार ने जो रुख अपनाया है, उसके चलते लगभग 40 प्रतिशत मुसलमान महिलायें भाजपा को वोट देंगी। किसानों के फायदे के लिए जो कई योजनाएं लाई गईं हैं, किसानों के खाते में सीधे जो रकम डाली गई है, उससे यादव बहुत लाभान्वित हुए हैं। वे भी अब राजद से अधिक भाजपा को वोट देने लगे हैं। दलित भी भाजपा की तरफ आ गये हैं। ऐसे में शत्रुघ्न सिन्हा चाहे कांग्रेस या राजद के सहयोग से निर्दलीय लड़ें या गठबंधन में कांग्रेस या राजद के टिकट से, वह पटना साहिब सीट से जो भाजपा प्रत्याशी होगा उससे चुनाव नहीं जीत पायेंगे।(हि.स.)।