नई दिल्ली, (media saheb.com) महिंद्रा एक्सीलेंस इन थियेटर अवार्ड्स(मेटा) एन्ड फेस्टिवल ने सोमवार को अपने 14वें संस्करण की घोषणा की। यह घोषणा महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के कल्चरल आउटरीच के प्रमुख जय शाह ने की।
मेटा पुरस्कार की घोषणा के बाबत सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जय शाह ने बताया कि मेटा आवर्ड-2019 का लाइफ टाइम अवार्ड इस बार महेश एलकुंचवार को दिया जाएगा। इसके अलावा 13 अन्य श्रेणियों में पुरस्कार दिया जा रहा है, जिनमें बेस्ट प्ले, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्टेज डिजाइन, बेस्ट लाइट डिजाइन, बेस्ट इनोवेटिव साउंड डिजाइन, बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन, बेस्ट एक्टर(मेल), बेस्ट एक्टर(फीमेल), सहायक भूमिकाओं में बेस्ट एक्टर(मेल), सहायक एक्टर (फीमेल), बेस्ट ओरिजिनल स्क्रिप्ट, बेस्ट एन्सेम्बल और बेस्ट कोरियोग्राफी शामिल है।
इस मौके पर पुरस्कारों के 14वें संस्करण की ज्यूरी की घोषणा भी की गई, जिसमें जाने-माने थियेटर कलाकार, अभिनेता और नाटककार आकाश खुराना, इंडिया फाउंडेशन फॉर द आर्ट के संस्थापक और भूतपूर्व एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अनमोल वेल्लानी, लोकप्रिय भारतीय अभिनेत्री, गायिका और टीवी व्यक्तित्व ईला अरुण, उत्कृष्ट भारतीय कलाकार, कुलभूषण खरबंदा, नृत्यग्राम की मैनेजिंग ट्रस्टी और भारत की पहली महिला प्रोफेशनल लाइटिंग डिजाइनर लिन फ़र्नांडिस, द हिन्दू के भूतपूर्व संपादक और ‘द हडल’ के क्यूरेटर मुकुंद पद्मनाभन, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नृत्य इतिहासकार, शोधार्थी, लेखक और आलोचक सुनील कोठारी और राजधानी के सबसे पुराने थियेटर ग्रुप, यात्रिक के भूतपूर्व और वर्तमान में इंडिया हैबिटेट सेंटर,नई दिल्ली के डायरेक्टर सुनीत टंडन शामिल हैं।
महिंद्रा एक्सीलेंस इन थियेटर अवार्ड्स(मेटा) और फेस्टिवल 6 से 12 मार्च तक दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम और श्रीराम सेंटर में चलेगा। कार्यक्रम के तहत प्रतिष्ठित ज्यूरी द्वारा चुनिन्दा नाटकों का मंचन दिल्ली में थियेटर प्रेमियों के सामने किया जाएगा। पिछले सभी सालों के रिकॉर्ड तोड़ते हुए, इस बार चयन समिति को 400 से ज्यादा नाटकों में से चुनाव करना पड़ा। इस साल के नामांकित नाटकों में गुजराती, मलयालम, तमिल, कन्नड़ के साथ हिंदी और अंग्रेजी शामिल हैं।
इस साल के चुनिन्दा नाटकों की विषय-वस्तु में पर्याप्त विविधता देखने को मिलेगी। इनमे अगरबत्ती(हिंदी और बुन्देली), अंधा युग के दो विविध अनुकरण(वड़ोदरा से गुजराती में और इम्फाल से हिंदी में) चंडाला, इम्प्योर(तमिल), चिल्लरा समरम (मलयालम), कोला (कन्नड़), लूज़ वुमन(अंग्रेजी), पुलिजन्मम(मलयालम), भागी हुई लड़कियां(हिन्दुस्तानी), बयानगी भरी प्रस्तुति है, जो कलाकार की दुविधा को दिलचस्प दृश्य पहलुओं से उभारती है और इसमें दर्शकों से भी भागीदारी के लिए कहा जाता है| ड्रामा स्कूल मुंबई(डीएसएम) के सहयोग से मेटा ने लर्निंग एट द रेट मेटा की भी घोषणा की। यह वर्कशॉप और सत्र चर्चा की एक श्रृंखला है, जिसमें थियेटर के कलाकार और मेटा-नॉमिनेटेड सितारे हिस्सा लेंगे।
उल्लेखनीय है कि महिंद्रा ग्रुप के कल्चरल आउटरीच द्वारा प्रचारित और टीमवर्क आर्ट्स द्वारा निर्देशित, मेटा हर साल भारतीय थियेटर इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए बेहतरीन कलाओं और प्रतिभाओं को सम्मानित करता है। भारत की हर भाषा और हर क्षेत्र की नाट्य कला को यहां प्रस्तुत होने का मौका मिलता है।(हि स)।