मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री एक-एक माह का वेतन बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राहत कोष में देंगे
– राशि कम होने पर राज्य सरकार मदद को पूरक प्रस्ताव भी भेजेगी – बाढ़ पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की उपसमिति भी होगी गठित
मुंबई, (mediasaheb.com) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि सूबे के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राज्य सरकार 6183 करोड़ रुपये रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्राथमिक प्रस्ताव है। बाढ़ पीड़ितों का मुआयना करने के बाद राज्य सरकार जरूरत होने पर पूरक प्रस्ताव भी भेज सकता है । मंत्रिमंडल की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी सभी मंत्री अपने-अपने एक माह का वेतन भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राहत कोष में देंगे । बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की उपसमिति भी गठित की जाएगी।
मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि यह प्रस्ताव दो भाग में है। पहले भाग में कोल्हापुर , सांगली व सातारा के बाढ़ पीड़ितों के लिए 4 हजार 700 करोड़ रुपये की मांग तथा दूसरे भाग में कोंकण, नासिक व उर्वरित महाराष्ट्र के लिए 2 हजार 105 करोड़ रुपये की मांग की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केंद्रीय मदद का रास्ता न देखते हुए बाढ़ पीड़ित इलाकों में मदद कार्य शुरू किया है। राज्य सरकार ने मृत व्यक्तियों के परिजनों को मदद के लिए 300 करोड़ रुपये, बचाव कार्य के लिए 25 करोड़ रुपये, अस्थाई छावनी के लिए 27 करोड़ रुपये, साफ-सफाई के लिए 70 करोड़ रुपये, फसलों के नुकसान के लिए 2088 करोड़ रुपये ,मृत जानवरों की मदद के लिए 30 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी है।
इसी प्रकार घरों के नुकसान के लिए 222 करोड़ रुपये, सडक़ व पुल के नुकसान के लिए 876 करोड़ रुपये तथा जलसंपदा के काम के लिए 168 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में स्वास्थ्य के लिए 75 करोड़ रुपये, स्कूलों व शासकीय इमारों की मरम्मत के लिई 125 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे के अन्य जिलों में बाढ़ प्रभावितों को इसी तरह की मदद दी जाएगी। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की उपसमिति गठित की जाएगी। यह उपसमिति बाढ़ प्रभावितों की दी जाने वाली मदद की नियमावली में अगर जरूरत हुई तो फेरबदल भी करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ से बचने के लिए दूरगामी योजना पर भी विचार कर रही है। (हि.स.)।