दुर्ग, (media saheb.com) जिले में राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कुष्ठ रोगी खोज अभियान “आगाज-2021-22” के तहत भिलाई शहरी क्षेत्र में मितानिनों को कुष्ठ रोगियों की पहचान के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भिलाई नगर निगम के वार्डों में 22, 23 व 24 जुलाई को 8-8 स्थानों पर शहरी मितानिन व एमटी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. अनिल कुमार शुक्ला ने बताया, “मितानिनों के प्रशिक्षण के बाद भिलाई शहरी क्षेत्र में घर-घर सर्वे का कार्य किया जाएगा। कुष्ठ प्रभावित इलाकों के अलावा हाई रिस्क एरिया मजदूरों की बस्ती, झुग्गी बस्ती व घनी शहरी आबादी में लोगों को कुष्ठ रोग के निदान व पहचान के लिए समुदाय को जागरुक किया जाएगा। उन्होंने बताया, प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद 26 जुलाई से भिलाई नगर निगम के वार्डों में कुष्ठ रोगियों के दाग धब्बों की पहचान की जांच स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व नॉन मेडिकल अस्सिटेंट (एनएमए) दल द्वारा की जाएगी। डॉ. शुक्ला ने बताया, पूर्व में कुष्ठ रोगी खोज अभियान के तहत पाटन ब्लॉक में 62,दुर्ग ग्रामीण में 65व धमधा में 67 नए कुष्ठ प्रभावितों की खोज कर इलाज कराया गया है”।
इस अभियान में समुदाय में रोग के संक्रमण को रोकने के लिए व नए कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों की पहचान के लिए घर के मुखिया को भी प्रशिक्षित किया गया है। मुखिया द्वारा ही प्रत्येक सदस्य के शरीर में दाग व धब्बों की पहचान की जा रही है।
आज भिलाई नगर निगम के कोहका बस्ती, कुरुद बस्ती, रामनगर, वृंदानगर, शास्त्री नगर, सुंदर नगर, सुपेला बाजार व श्याम नगर में 135 मितानिनों व 8 मितानिन ट्रेनर नवीता वर्मा, पूनम वर्मा, रुक्षमणी वर्मा, हंशमती साहू, रजनी साहू, जमुना बढबंधा, अभीज्ञा सिंग, शांति साहू को ट्रेनिंग प्रदान किया गया। प्रशिक्षण दल में एसडी बंजारे, श्रमती शारदा साहू, जेडी मानिकपुरी, अलका रावत, पीआर बंजारे, अजय देवांगन, पीआर साहू, आरपी उपाध्याय, एमके साहू, अजय रावत, डीपी वर्मा, नंदकुमार वर्मा, सुनील गुप्ता, श्रीमती अंजना शर्मा, एके पांडे, एमएल देवांगन द्वारा मितानिनों को प्रशिक्षण प्रदान किया।
24 जुलाई को भिलाई शहरी क्षेत्र के शारदापारा, संतोषीपारा, गुरुघासीदास नगर, छावनी बस्ती, शास्त्री नगर जोन-2, बालाजी नगर जोन-2, चंद्रशेखर आजाद नगर, पुरैना भिलाई-3 में एनएमए द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
कुष्ठ मुक्त जिला बनाने के लिए जन भागीदारी से घर के मुखिया द्वारा ही घर के सभी सदस्यों की जांच कर रोगी की पहचान कराई जाएगी। इससे लोगों में कुष्ठ रोग के प्रति जागरुकता उत्पन्न होगी तथा जनभागीदारी से यह कुष्ठ उन्मूलन के लिए एक अभिनव प्रयास होगा ।
डा. शुक्ला ने बताया, “राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत छिपाना नहीं बताना है, हर दाग धब्बे की जांच कराना है। दुर्ग जिले को कुष्ठ मुक्त बनाने की परिकल्पना को आधार बनाकर कार्ययोजना तैयार की गई है। चर्म रोग निदान और उपचार अभियान के घर-घर सर्वे के लिए नौ नान मेडिकल अस्सिटेंट (एनएमए) दल लगाए जाएंगे। For English News : the states.news