नई दिल्ली (media saheb.com)। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर समुदाय बाघ संरक्षण का एक महत्वपूर्ण पहलू है और “जन एजेंडा” भारत के “बाघ एजेंडा” में प्रमुखता से शुमार है। मंत्री बाघ संरक्षण पर आयोजित चौथे एशिया मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में बोल रहे थे, जो वैश्विक बाघ पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम और बाघ संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धताओं की प्रगति की समीक्षा को लेकर महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। श्री यादव ने देश का पक्ष रखते हुए मलेशिया सरकार और ग्लोबल टाइगर फोरम (जीटीएफ) को बाघ संरक्षण पर चौथे एशिया मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के आयोजन को लेकर बधाई दी और “केंद्रीय रीढ़ और प्राकृतिक छवि स्तर की योजना” ( सेंट्रल स्पाइन और लैंडस्केप लेवल प्लानिंग) के रूप में बाघों के आवास में रैखिक बुनियादी ढांचे के संबंध में शमन उपायों के लिए रोल मॉडल बनाने में मलेशिया सरकार के प्रयासों की सराहना की। मंत्री ने कहा कि भारत इस साल के अंत में रूस के व्लादिवोस्तोक में होने वाले ग्लोबल टाइगर समिट (वैश्विक बाघ सम्मेलन) के लिए नई दिल्ली घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने में टाइगर रेंज देशों को सुविधा प्रदान करेगा।
2010 में नई दिल्ली में एक “प्री टाइगर समिट” बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें ग्लोबल टाइगर समिट के लिए बाघ संरक्षण पर मसौदा घोषणा को अंतिम रूप दिया गया था।