- धुर नक्सल क्षेत्र में जान जोखिम में डालकर देश की सेवा कर रहे पुलिसकर्मी पिता, अब डॉक्टर बनकर आदिवासियों की सेवा करेगी बेटी
- पुलिसकर्मी पिता के सपने को बेटी ने बनाया जीवन का लक्ष्य, नीट क्वालिफाई करके डॉक्टर बनेगी प्रीति
भिलाई(media saheb.com). बस्तर के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रोज का खून-खराबा देखकर पुलिसकर्मी की बेटी ने बचपन से डॉक्टर बनने का सपना देखा। 12 वीं बोर्ड के बाद नीट की तैयारी शुरू कर दी। हिंदी मीडियम स्टूडेंट के लिए सपनों का ये सफर आसान नहीं था। पहली बार घर-परिवार से दूर गई बेटी का मां-पापा के बिना हॉस्टल में मन नहीं लगता था। टेस्ट सीरिज में नंबर कम आते तो वो घोर निराशा में चली जाती। धीरे-धीरे खुद को संभालकर तैयारी में मन लगाया। एक साल के ड्रॉप और अपने दूसरे प्रयास में आखिरकार नीट क्वालिफाई करके ही दम लिया। अब बस्तर के केशकाल की प्रीति नरेती अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई करेगी। प्रीति ने बताया कि उनके पिता छत्तीसगढ़ पुलिस में एएसआई हैं। फिलहाल बीजापुर के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में पदस्थ हैं। पिता चाहते हैं कि मैं डॉक्टर बनकर गरीब आदिवासी बच्चों की सेवा करूं। इसलिए जान जोखिम में डालकर देश की सेवा कर रहे पिता के सपने को मैंने भी जीवन का लक्ष्य बना लिया है। एमबीबीएस के एक बाद यूपीएससी की तैयारी करके एक बार आईपीएस का भी एग्जाम देना चाहूूती हूं। ताकि पिता की तरह मैं भी एक बार वर्दी पहन सकूं।
डिप्रेशन में नजर आता था पापा का चेहरा
नीट क्वालिफाई करने वाली प्रीति ने बताया कि एक साल ड्रॉप के दौरान वह कोचिंग के लिए भिलाई आ गई। टेस्ट में नंबर कम आने और क्लास में पीछे रह जाने पर कई बार डिप्रेशन में चली जाती थी। ऐसे में हमेशा पिता का चेहरा नजर आता था। सोचती थी कि घर से दूर रहकर कैसे वो नक्सलियों से पूरे देश के लिए लड़ रहे हैं। क्या मैं उनका एक सपना नहीं पूरा कर सकती। ऐसे में खुद को शांत करके सिर्फ पढ़ाई पर फोकस किया। फिजिक्स शुरू से कमजोर था। इसलिए फीजिक्स को ट्रिक के साथ पढऩा शुरू किया। टाइम मैनेजमेंट भी करना सीखा। बिना टाइम मैनेजमेंट के किसी भी कठिन परीक्षा को पास नहीं किया जा सकता।
जितना सुना था उससे ज्यादा अच्छा माहौल है सचदेवा का
प्रीति ने बताया कि सचदेवा की एक्स स्टूडेंट और राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही उनकी चचेरी बहन ने कोचिंग के लिए गाइड किया । सचदेवा के बारे में जितना सुना था उससे ज्यादा अच्छा माहौल यहां मिला। हर दिन फैकल्टी हमें मोटिवेट करते थे कि हम नीट क्वालीफाई कर सकते हैं। एनसीईआरटी की किताबों से जो बेसिक तैयार किया है वो आगे की पढ़ाई में भी हमारे बहुत काम आएगा। फिजिक्स और कैमेस्ट्री के इजी ट्रिक्स जो टीचर्स ने बताए वो नीट एग्जाम में बहुत किफायती रहा। गेस्ट सेशन में सचदेवा के एक्स स्टूडेंट और देश के नामी हार्ट सर्जन डॉक्टर कृष्णकांत साहू से मिलकर लगा कि मेरा सपना पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता। जिस दिन डॉक्टर साहू कोचिंग में आए थे उस दिन मैं क्लास में लेट हो गई थी। सबसे पीछे खड़े होकर उन्हें जब सुन रही थी तो लग रहा था कि मेरी कहानी भी कुछ इन्हीं की तरह ही है।
जैन सर ने निकाला निराशा के भंवर सेप्रीति ने बताया कि चिरंजीव जैन सर की काउंसलिंग क्लास से उसे निराशा के भंवर से निकलने में काफी मदद मिली। एक दिन जैन सर क्लास में सभी के नंबर देख रहे थे। मेरे नंबर काफी कम थे। कुछ टेस्ट मैंने मिस कर दिया था। तब जैन सर ने मुझे समझाते हुए कहा कि नंबर भले ही कम आए लेकिन टेस्ट मिस मत करना। (the states. news)