नई दिल्ली, (mediasaheb.com) कारोबारियों के संगठन अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ ने ‘डायरेक्ट सेलिंग व्यापार’ को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत लाने की मांग करते हुए कहा है कि इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति मिलेगी।
केंद्रीय
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को बृहस्पतिवार को लिखे एक पत्र में परिसंघ
ने कहा कि डायरेक्ट सेलिंग कारोबार को वाणिज्य विभाग के अधीन लाने से लाखों
महिलाओं को शोषण और अनावश्यक परेशानियों से बचाया जा सकेगा। फिलहाल ये कारोबार
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधीन है।
पत्र में
कहा गया है कि डायरेक्ट सैलिंग देश के खुदरा व्यापार का ही एक अभिन्न हिस्सा है ।
इस क्षेत्र का देश में करीब 800 करोड़ रुपए
का बाजार है जो सीधे तौर पर देश के लाखों छोटे व्यवसायी से जुड़ा है। वर्तमान में
देश भर में लगभग 90 लाख कारोबारी डायरेक्ट सेलिंग से जुड़े है
जिसमे 50 लाख महिलाएं हैं।
परिसंघ के
महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि डायरेक्ट सैलिंग क्षेत्र प्रधान मंत्री नरेंद्र
मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे डिजिटल इंडिया, महिला
सशक्तिकरण , स्किल इंडिया , लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत में बहुत पहले से जुड़कर देश
भर में लाखों लोगों को प्रतिवर्ष उद्यमी बना रहा है।
उन्होंने
कहा कि उपभोक्ता मंत्रालय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करता है और उनके लिए ही
समर्पित है जबकि वाणिज्य मंत्रालय देश में व्यापार और उद्योग क्षेत्र को देखता है
। इस दृष्टि से डायरेक्ट सैलिंग क्योंकि एक व्यापार है इसलिए इसको वाणिज्य
मंत्रालय के अंतर्गत लाना ही उचित होगा तभी यह व्यापार देश में व्यवस्थित तरीक़े
से पनपेगा और व्यापार में वृद्धि की सम्भावनाएँ बढेंगी तथा रोज़गार के नए अवसर भी
उपलब्ध होंगे ।(वार्ता) (the states. news)