रायपुर (mediasaheb.com) कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस साल की दिवाली को हिंदुस्तानी दिवाली के रूप में मनाने के लिए सरकार से समर्थन मांगा है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल को भेजे गए एक पत्र में कैट ने उनसे चीन से आयात होने वाले विभिन्न सामानों पर कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी करने का आग्रह किया है, वहीं चीन द्वारा अपने उत्पादों को भारत में भेजने हेतु वैकल्पिक मार्ग को बंद करने , विभिन्न ई पोर्टल पर प्रत्येक वस्तु के साथ निर्माता देश का अनिवार्य उल्लेख को 1 सितंबर, 2020 से लागू करने तथा 30 अन्य चीनी ऐप्स जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं पर प्रतिबन्ध लगाने एवं भारत में 5ळ नेटवर्क में चीनी कम्पनी हुवावे एवं जेडटीई कारपोरेशन पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने कहा कि आगामी त्योहारों का मौसम जिसमें दिवाली भी शामिल है, निर्विवाद रूप से भारत का सबसे बड़ा त्योहारी उत्सव है। सितंबर से शुरू होने वाले अगले चार महीने हर साल महीने देश में श्क्रय महीनेश् के रूप में जाने जाते हैं और इसलिए चीनी सामानों की खपत को कम करने और भारतीय सामानों की खरीद को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल तथा आत्मनिर्भर भारत को पूरा करने की दिशा में स्थानीय सामान के उपयोग को महत्व देना आवश्यक है।
श्री पीयूष गोयल को लिखे अपने पत्र में कैट ने सुझाव दिया कि भगवान् की मूर्तियां और प्रतिमाएं, इलेक्ट्रिक गुड्स जैसे सजावटी इलेक्ट्रिक बल्ब श्रृंखला, सजावटी सामान , खिलौने, वस्त्र, घरेलू उपकरण, वस्त्र, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, कैमरा जैसे उत्पादों पर आयात शुल्क में तार्किक वृद्धि बेहद आवश्यक हैं वहीं सौर ऊर्जा मॉड्यूल, बैटरी और सैल, इनवर्टर, सफाई उपकरण, फर्निशिंग फैब्रिक, फर्नीचर, एल्यूमीनियम के बर्तन और अन्य एल्यूमीनियम के सामान, कागज और स्टेशनरी, सौंदर्य उत्पाद, एफएम-सीजी सामान, उपभोक्ता वस्तुएं और खुदरा व्यापार के अन्य सामानों पर कस्टम ड्यूटी में वृद्धि आवश्यक है।
कैट ने आगे कहा कि चूंकि केंद्र सरकार ने बुनियादी ढांचा, राजमार्ग, रेलवे आदि सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में चीनी कंपनियों की भागीदारी को प्रतिबंधित करने के लिए कई असाधारण और अनुकरणीय कदम उठाए हैं जो चीन के लिए एक बड़ा संकेत हैं। ष्हम मानते हैं कि चीन सीधे भारत को माल निर्यात नहीं करने की एक और रणनीति अपना कर आसियान और सार्क देशों के माध्यम से चीनी सामान भारत में भेज सकता है। इसलिए ऐसे मार्गों से भारत में चीनी वस्तुओं के आयात को रोकने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता है। कहा अमर पारवानी नेष्
श्री पारवानी ने कहा कि यह एक सर्वविदित तथ्य है कि भारत में व्यावसायिक गतिविधियाँ संचालित करने वाली अधिकांश प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियाँ उपभोक्ताओं की जानकारी के बिना चीनी सामान बेच रही हैं और उपभोक्ता को यह मालूम ही नहीं है की वो किस देश का सामान खरीद रहे हैं। सरकार द्वारा हाल ही में ई -पोर्टल पर बिकने वाले प्रत्येक सामान पर निर्माण देश का उल्लेख करना अनिवार्य किया गया है। चूंकि अगले चार महीने हर साल खरीद के लिए बड़े अवसर होते हैं, इस दृष्टि से सरकार निर्माण देश का नाम लिखने के प्रावधान को 1 सितंबर, 2020 से ई-पोर्टल पर लिखने के प्रावधान को लागू किया जाए।
कैट ने आगे कहा कि 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के अलावाअभी भी लगभग 30 से अधिक ऐसे ऐप हैं जिन पर प्रतिबंध की आवश्यकता है। कैट ने यह भी कहा की चीन कम्पनी हुवावे और जेडटीई कॉरपोरेशन को भारत में 5 जी नेटवर्क को चालू करने में किसी भी तरह से भागीदारी से वंचित किया जाना चाहिए।
#News_in_Cg #Newsincg #News_update_in_Cg #Cgnews #Chhattisgarhnews #Chhattisgarh_news #Cgsamchar #Raipurnews #Raipur_news #Cgupdate #news_in_ #News_in_Chhattisgarh #Raipurnews #Raipur_news #chhattisgarh_Bilaspur #News_in_India #news_in_Hindusatan