रायपुर,( media saheb. com ) कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल, ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा घोषित किए गए तीसरे प्रोत्साहन पैकेज से देश भर के व्यापारी बहुत निराश हैं। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने व्यापारी समुदाय की नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है कि वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित तीनों प्रोत्साहन पैकेज में एक भी पैसा व्यापारियों के लिए नहीं आवंटित किया गया है।
ये न केवल व्यपारियो के साथ सौतेला व्यवहार
है बल्कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल जैसी मुहिम के भी खिलाफ है।
श्री पारवानी ने ये सवाल उठाया कि भारत के व्यापारियों से अधिक
लोकल और कौन हो सकता है जो कि देश के 135 करोड़ लोगो से
सीधे तौर पर जुड़े है।
श्री पारवानी ने कहा कि हमें भारत के व्यापारियों की ऐसी घोर
उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है जो प्रति वर्ष 60 लाख करोड़ से अधिक का वार्षिक कारोबार कर रहे हैं और किसी भी
महामारी या प्राकृतिक आपदा के मामले में हमेशा सबसे आगे रहते हैं। व्यापारी कोरोना
महामारी से सबसे अधिक पीड़ित हैं और प्रोत्साहन पैकेज की सबसे पहले कि गई घोषणा के
बाद से ही सरकार से किसी तरह के राहत पैकेज की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन कोई फायदा
नहीं हुआ और वित्त मंत्री को व्यापारियों से कोई सहानुभूति नहीं है। यह विडंबना है
कि अर्थव्यवस्था के अन्य सभी क्षेत्रों को सभी तीन पैकेजों में पर्याप्त रूप से
समायोजित किया गया है, लेकिन
व्यापारियों को अपने आप रोने के लिए छोड़ दिया गया।
यह निश्चित रूप से भारत के व्यापारियों के
साथ सौतेला व्यवहार है और अगर ऐसा ही रहा तो व्यापारियों को अपनी रणनीति तैयार
करनी होगी। उन्होंने वित्त मंत्री से कहा कि वे यह घोषणा करें कि व्यापारी सरकार
की प्राथमिकता में नहीं हैं। हम किसी भी भ्रम में नहीं रहना चाहते। वर्तमान स्थिति
में, व्यापारी अपने दम पर विभिन्न लड़ाई लड़ रहे
हैं और अभी तक सरकार ने अपने व्यापारियों को संभालने के लिए कोई प्रयास नहीं किया
है। चाहे चीनी सामान का बहिष्कार हो या ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ लड़ाई हो, जो खुलेआम सरकार के नियमों और कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं और
देश के रिटेल व्यापार को खात्मे की कगार पर ला खड़ा किये है, सरकार ने कभी कोई सहायता नही की, आर्थिक मोर्चे पर भी हम सब कुछ अपने दम पर कर रहे हैं।
लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत को देश के कोने कोने में पहुचाने के लिए
कैट ने हर सम्भव प्रयास किये हैं, देश के
व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट से जोड़ने की पहल रही हो या सरकार की कोई और योजना
कैट ने व्यापारियो को पत्र और उत्साह से हमेशा आगे रखा है.
श्री पारवानी ने कहा कि शुरुआत में व्यापारी एमएसएमई यानी
माइक्रो स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइज में जोड़ा गया था जिसे षडयंत्र के तहत 2017 में निरस्त कर दिया गया।लंबे समय से हम हर कदम पर प्रयास
कर रहे हैं लेकिन आश्वासन के अलावा अभी तक कुछ भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
व्यापारियों पर हर बार कुल्हाड़ी चलती है। इसे और अधिक बर्दाश्त नहीं किया जा सकता
है। हम देश भर के व्यापारियों से बहुत सारे प्रश्न प्राप्त कर रहे हैं, जिसने हमें देश के व्यापारियों को विभिन्न हमले से बचाने के लिए
एक अच्छी रणनीति अपनाने के लिए प्रेरित किया है। हम दिवाली के तुरंत बाद इन
मुद्दों पर देश भर के व्यापारियों के साथ विचार विमर्श करेंगे और एक रणनीति तैयार
करेंगे- पारवानी ने कहा।