नई दिल्ली, ( mediasaheb.com) । ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ( AIMIM) के असद्दुदीन ओवैसी ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को मुस्लिम विरोधी करार देते हुए विधेयक की प्रति को फाड़ दिया।
विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह विधेयक मुसलमानों को देश विहीन करने का प्रयास है जिससे देश का दुबारा विभाजन हो सकता है।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने वर्ष 1910 में दक्षिण अफ्रीका के विवादास्पद नागरिकता पहचान कार्ड को भेदभावपूर्ण बताते हुए फाड़ा था। उसी तर्ज पर वह अपना विरोध भी व्यक्त करना चाहते हैं। यह कहते हुए उन्होंने विधेयक के प्रति को फाड़ दिया ।
ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक लाकर मोदी सरकार आजादी की लड़ाई के सिपाहियों का अपमान कर रही है तथा मुसलमानों को हाशिए पर लाना चाहती है। उन्होने विधेयक को संविधान विरोधी भी करार दिया।
असम के क्षेत्रीय दल ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ( AIUDF) बदरुद्दीन अजमल ने विधेयक का विरोध किया।
चर्चा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी और गौरव गोगोई ने नागरिकता संशोधन विधेयक को नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए इसका विरोध किया जबकि भाजपा की मीनाक्षी लेखी और अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल ने विधेयक का समर्थन किया। लेखी ने पाकिस्तान में हिन्दूओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के बारे में कई दस्तावेज सदन के पटल पर रखे। उन्होंने विधेयक का विरोध करने वाले सदस्यों के व्यवहार को पाकिस्तान परस्त बताया जिस पर कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने तीव्र आपत्ति व्यक्त की। (हि.स.)