तेल अवीव, (mediasaheb.com ) इजरायल में चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गठबंधन सरकार बनाने में विफल रहे। यही वजह है कि सांसदों ने संसद भंग करने का फैसला किया है। अब दोबारा चुनाव 17 सितंबर को होंगे। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
विदित हो कि इजरायल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि गठबंधन नहीं बना पाने के कारण किसी प्रधानमंत्री को सत्ता से हाथ धोना पड़ा है। गठबंधन बनाने के लिए बुधवार की आधी रात तक की समय सीमा खत्म होने के बाद संसद को भंग करने के पक्ष वोट दिया और इस प्रस्ताव के समर्थन में 74 मत पड़े।
पिछले अप्रैल महीने में हुए चुनावों में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी ने 120 में से 35 सीटें हासिल की थीं। मतों की गिनती के समय यह उम्मीद जताई जा रही थी कि नेतन्याहू पांचवीं बार प्रधानमंत्री बन सकते हैं लेकिन पूर्व रक्षामंत्री एविग्दोर लिबरमन के साथ समझौता नहीं होने की वजह से ऐसा नहीं हो पाया।
राष्ट्रवादी दल इजरायल बेतेन्यु पार्टी से संबंध रखने वाले लिबरमन में अति-धर्मनिष्ठ यहूदी दलों के साथ आने के लिए यह शर्त रखी थी कि उन्हें अनिवार्य सैन्य सेवा में छूट देने के अपने प्रस्ताव में परिवर्तन करने होंगे।
वहीं, नेतन्याहू ने राष्ट्रपति द्वारा अन्य पार्टी को सरकार बनाने का दावा पेश करने का आमंत्रण देने से पहले ही पुन: चुनाव कराने का पर जोर दिया। संसद भंग होने के बाद नेतन्याहू ने संवाददाताओं से कहा कि वह एक स्पष्ट चुनाव अभियान चलाएंगे, जो उन्हें जीत दिलाएंगे। उन्होंने अपनी जीत का दावा किया।
बता दें कि नेतन्याहू पर धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप भी लगे हैं। उनके ऊपर यह भी आरोप है कि उन्होंने खुद पर मुकदमे चलने से बचाव किया है।(हि स)।