लॉस एंजेल्स, (mediasaheb.com) अमेरिका-मेक्सिको के बीच आव्रजन मामले में प्रगति के संकेत मिले हैं, लेकिन सीमा शुल्क बढ़ाए जाने की अमेरिकी तलवार पडड़ोसी देश पर लटकी हुई है।
अमेरिकी उप राष्ट्रपति और मेक्सिको के विदेश मंत्री के बीच दूसरे दिन गुरुवार को बातचीत में यह बात उभर कर आई है कि अमेरिका में शरण लेने वाले मध्य अमेरिकी आव्रजकों को अपने देश से निकलते ही पहले पड़ोसी देश में शरण के लिए आवेदन करना होगा।
इस नियम के तहत ग्वाटेमाला के सभी आव्रजक पहले मेक्सिको में
आवेदन करेंगे, जबकि
अल सल्वाडोर के आव्रजकों को ग्वाटेमाला और होंडूरास के आव्रजकों को अल सल्वाडोर
में आवेदन करना होगा। इस फ़ार्मूले पर मोटे तौर पर सहमति हुई है, लेकिन किसी निर्णय पर नहीं
पहुंचा जा सका है।
इस बीच व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच वार्ता में प्रगति के बावजूद टिप्पणी की है कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने सोमवार से आव्रजन के मुद्दे पर जो आदेश जारी किए हैं, वह अपनी जगह क़ायम हैं।
विदित हो कि ट्रम्प ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि अगर मेक्सिको ने अपनी सीमाओं से मध्य अमेरिकी आव्रजकों को अमेरिकी सीमाओं में घुसने से रोकने का पुख़्ता बंदोबस्त नहीं किया तो सोमवार, 10 जून से वहां से आयातित उत्पादों पर पांच प्रति शत सीमा शुल्क लगाए जाएंगे। यह शुल्क कालांतर में एक अक्टूबर तक 25 प्रतिशत हो जाएगा। इस वजह से मेक्सिको ने मध्य अमेरिकी
आव्रजकों को रोकने के लिए छह हज़ार सैनिकों की नियुक्ति का भी संकल्प दोहराया है।
उधर मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रे मैनुएल लोपेज़ ओबराडोर ने कहा है कि यह एक सामाजिक समस्या है, जिसे सीमा शुल्क लगा देने से निदान नहीं होगा।(हि स)।