कैट सरकार से अमेजन और फ्लिपकार्ट की त्यौहार की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग करेगी
रायपुर, (mediasaheb.com)
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल
इंडिया ट्रेडर्स (CAIT)के प्रदेश अध्यक्ष
अमर पारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र
दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल, प्रवक्ता राजकुमार
राठी ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भारत के प्रतिस्पर्धा
आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश जो
दिल्ली व्यापर महासंघ की याचिका पर दिया गया था को चुनौती दी है। कर्नाटक हाई
कोर्ट ने सीसीआई को अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ जाँच करने के लिए प्रतिबंधित
करने का अंतरिम आदेश दिया था। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने कहा
की सीसीआई की अपील अमेजन और फ्लिपकार्ट दोनों को कानून के भीतर व्यापार करने के
लिए बेहद तार्किक और बहुप्रतीक्षित कदम है क्योंकि ये कम्पनियाँ गत अनेक वर्षों से
ई कॉमर्स व्यापार में अपने मनमाने तरीके जिसमें जिसमें लागत से कम मूल्य निर्धारण, गहरे डिस्काउंट, ब्रांड्स के साथ
विशेष व्यवस्था और इन्वेंट्री पर अपना नियंत्रण रखना आदि कुप्रथाएं को जारी रखे हुए
हैं। कैट पिछले दो साल से अधिक समय से अमेजॅन और वॉलमार्ट दोनों के खिलाफ अभियान
देश भर में चलाए हुए है
कैट के राष्ट्रीय
उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने कहा कि जल्द ही कैट आगामी त्यौहारी सीजन में इन
कंपनियों के किसी भी प्रकार की फेस्टिवल सेल पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार को
अपना प्रतिवेदन देगी।
श्री पारवानी ने कहा
कि शीर्ष न्यायालय निश्चित रूप से सीसीआई की याचिका का संज्ञान लेगा कि दोनों
कंपनियों के खिलाफ जांच क्यों जरूरी है लेकिन दूसरी ओर सरकार को भारत में ई-कॉमर्स
कारोबार को विनियमित करने और निगरानी के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी सहित ई कॉमर्स
नीति की तुरंत घोषणा करनी चाहिए। जो अमेजॅन और फ्लिपकार्ट ने भारतीय ई कॉमर्स
बाजार को बेहद विषाक्त कर दिया है। अब यह सही समय है जब इन कंपनियों के व्यावसायिक
व्यवहारों को कानून के अंतर्गत लाना बेहद जरूरी है और अगर अभी भी वे एफडीआई नीति
का उल्लंघन करते पाए जाते हैं, तो उन्हें भारत छोड़ने के लिए कहा जाना चाहिए। ये कंपनियां
आर्थिक आतंकवादी हैं और ईस्ट इंडिया कंपनी का दूसरा संस्करण हैं और सरकार को केवल
मूकदर्शक नहीं बनना चाहिए, बल्कि कानून के आधार पर अपनी अथॉरिटी का इस्तेमाल करना चाहिए।(the states. news)